राज्य बंटवारे के बाद इसमें से बिहार ने कई लोगों की सेवा समाप्त कर दी. यहां काम करने वाले चार लोगों की सेवा विस्तार को निरस्त करने का आदेश एक फरवरी 2013 को मिला. सेवा निरस्त होने की सूचना मिलने के बाद इन लोगों की पेंशन भी रोक दी गयी.
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24 साल नौकरी के बाद भटक रहे पेंशन के लिए
रांची: वन विकास निगम में 24 साल नौकरी करने के बाद चार कर्मी पेंशन व अन्य सुविधा के लिए भटक रहे हैं. 1987-88 के बीच वन विकास निगम में करीब 40 लोगों ने योगदान दिया था. इसमें कई पूर्व सैनिक भी थे. इनकी नियुक्ति वन उपज अधिदर्शक के पद पर हुई थी. नियुक्ति के समय […]
रांची: वन विकास निगम में 24 साल नौकरी करने के बाद चार कर्मी पेंशन व अन्य सुविधा के लिए भटक रहे हैं. 1987-88 के बीच वन विकास निगम में करीब 40 लोगों ने योगदान दिया था. इसमें कई पूर्व सैनिक भी थे. इनकी नियुक्ति वन उपज अधिदर्शक के पद पर हुई थी. नियुक्ति के समय तत्कालीन महाप्रबंधक ने एक पत्र जारी किया था. जिसमें लिखा था कि इनकी नियुक्ति तीन माह के लिए होगी. नियुक्ति के बाद सभी को फील्ड में भेज दिया गया. चार साल बाद पत्र जारी कर सेवा विस्तार किया गया. कई लोगों को पंचम व षष्टम वेतन का लाभ भी मिला.
कुछ कर्मी न्यायालय की शरण में भी गये हैं. अदालत के आदेश का अध्ययन और सरकारी प्रक्रिया के तहत इन लोगों को न्याय दिलाने की कोशिश कर रहा हूं.
महेंद्र कर्दम, एमडी, वन विकास निगम
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