कांके : दारुल उलूम देवबंद के कुलपति मौलाना सुफियान कासमी ने कहा कि इसलाम में मजहब के नाम पर फसाद की कोई जगह नहीं है. इसलाम में पड़ोसियों को दुख नहीं देने और उनका ख्याल रखने की बात कही गयी है. मौलाना कासमी कांके मदरसा आलिया अरबीया पतराटोली में आयोजित जलसा-ए-दस्तारबंदी को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने शिक्षा के महत्व का जिक्र करते हुए लोगों को इसके लिए जागरूक बनाने की आवश्यकता बतायी. मौके पर इमरात-ए-शरिया बिहार-झारखंड के मौलाना सनाउल होदा, मौलाना अहमदुल हुसैनी व मौलाना अब्दुल मालिक बलियानी ने भी विचार रखे. अध्यक्षता हजरत मौलाना सैयद जामुद्दीन कासमी ने की. संचालन मौलाना साबिर साहब ने किया. मौके पर मौलाना अख्तर हुसैन मजाहिरी, मौलाना इम्तियाज कासमी, कारी अशरफुल आदि मौजूद थे.