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पानी के लिए रात में ही लग जाती है लाइन

हाल वार्ड नंबर 42 के जगन्नाथपुर का. सूख गये हैं सात में से दो चापानल, साइकिल व ठेला पर पानी लाते हैं लोग शहर में पानी का संकट विकराल रूप लेते जा रहा है. अधिकांश बोरिंग, कुआं तक सूख चुके हैं. कहीं लोग नाली से पानी भरने को मजबूर हैं, तो कहीं दूर से वाहनों […]

हाल वार्ड नंबर 42 के जगन्नाथपुर का. सूख गये हैं सात में से दो चापानल, साइकिल व ठेला पर पानी लाते हैं लोग
शहर में पानी का संकट विकराल रूप लेते जा रहा है. अधिकांश बोरिंग, कुआं तक सूख चुके हैं. कहीं लोग नाली से पानी भरने को मजबूर हैं, तो कहीं दूर से वाहनों के सहारे पानी लाने की विवशता.
जगन्नाथपुर मौसी बाड़ी के लोग पानी के लिए रातों को जागते हैं. यहां पानी के लिए मारपीट तक की नौबत तक आ जाती है. इलाके की आबादी दस हजार से अधिक हैं. निगम की ओर से की जानेवाली जलापूर्ति नाकाफी है.
रांची : विधानसभा से महज डेढ़ किलोमीटर दूर जगन्नाथपुर स्थित मौसीबाड़ी में लोग प्रतिदिन पानी के लिए जद्दोजहद करते हैं. वे रात में ही मौसीबाड़ी गोल चक्कर के पास सप्लाई पानी के लिए लाइन में अपनी बरतन रख देते हैं.
इस बीच प्रतिदिन उनमें नोक-झोंक भी होती है. मुहल्ले के लोगों का कहना है कि पठारी क्षेत्र होने के कारण चापाकल या बोरिंग सफल नहीं होते हैं. मौसीबाड़ी में सात चापाकल हैं, लेकिन दो सूख गये हैं. महज पांच चापाकल से पानी निकलता है और यहां भी भीड़ लगी रहती है. अधिक देर तक चलते रहने पर चापाकल से पानी निकलना बंद हो जाता है.
जिन लोगों को यहां पानी नहीं मिलता है, वे पंचमुखी हनुमान मंदिर या सेक्टर तीन गोलचक्कर से साइकिल या ठेला पर पानी लाते हैं. नहाने और कपड़ा धोने के लिए जगन्नाथपुर तालाब जाते हैं. लोगों ने पार्षद से शिकायत भी की है, लेकिन अभी तक कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गयी है.
क्या कहती हैं वार्ड की पार्षद
वार्ड 42 की पार्षद किरण देवी ने कहा कि मौसीबाड़ी में पानी की किल्लत है. विधायक रामकुमार पाहन के पास पांच डीप बोरिंग के लिए आवेदन दिया गया है. आज भी एक चापाकल को दुरुस्त कराया गया है. जल्द ही टैंकर से पानी की व्यवस्था करायेंगे.

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