रांची: पत्नी के कारोबार को छिपाने और इस मामले को दबाये रखने के लिए जालसाजी करने के आरोपी एएसपी हरे राम महली से पुलिस मुख्यालय ने स्पष्टीकरण पूछा है.
हरे राम महली अभी जैप-9 (साहेबगंज) के कमांडेंट हैं. पुलिस मुख्यालय ने उनसे पूछा है कि पाकुड़ में एसडीपीओ रहते हुए उन्होंने अपनी पत्नी के क्रशर कारोबारी होने की बात सरकार से क्यों छिपायी, जबकि उनकी पत्नी का पाकुड़ में ही खनन का काम चलता था. एएसपी से यह भी पूछा गया है कि एसपी कार्यालय से फरजी पत्र क्यों जारी किया, जिसमें एसपी की जगह फॉर कर उन्होंने खुद हस्ताक्षर कर दिया.
क्या था मामला
हरेराम महली जब पाकुड़ में एसडीपीओ थे, उस वक्त उनकी पत्नी का वहां खनन का कारोबार चलता था. इस बात की जानकारी उन्होंने सरकार को नहीं दी थी. पाकुड़ के सेराजुल सेख नामक व्यक्ति ने सरकार से इस बात की शिकायत की. मामले में जब पूछताछ शुरू हुई, तो पाकुड़ के एसपी का एक पत्र मुख्यालय को मिला, जिसमें एसपी की जगह फॉर करके हरे राम महली ने हस्ताक्षर किया था. पत्र में कहा गया था कि हरेराम महली ने पत्नी के कारोबार की जानकारी पूर्व में दी थी. इस बीच सेराजुल सेख की शिकायत की जांच के दौरान दुमका आइजी अरुण उरांव ने अपनी रिपोर्ट में यह बताया कि हरे राम महली के हस्ताक्षर से जो पत्र लिखा गया, वह पत्र पाकुड़ के एसपी कार्यालय से जारी हीं नहीं हुआ है. इतना ही नहीं तत्कालीन एसपी को इस बाबत कोई जानकारी भी नहीं है.