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लोक अदालत त्वरित न्याय का सशक्त माध्यम

राज्य के सभी जिलों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन, जस्टिस पटेल ने कहा रांची : नालसा के निर्देश के आलोक में शनिवार को राज्य के सभी जिलों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. लोक अदालत में श्रम तथा पारिवारिक मामलों का निष्पादन किया गया. झारखंड स्टेट लीगल सर्विसेज ऑथोरिटी (झालसा) के कार्यकारी […]

राज्य के सभी जिलों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन, जस्टिस पटेल ने कहा
रांची : नालसा के निर्देश के आलोक में शनिवार को राज्य के सभी जिलों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. लोक अदालत में श्रम तथा पारिवारिक मामलों का निष्पादन किया गया.
झारखंड स्टेट लीगल सर्विसेज ऑथोरिटी (झालसा) के कार्यकारी अध्यक्ष व झारखंड हाइकोर्ट के सीनियर जस्टिस डीएन पटेल ने डोरंडा स्थित न्याय सदन में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत का उदघाटन किया. उन्होंने कहा कि यह सुलभ, नि:शुल्क व त्वरित न्याय पाने का सबसे सशक्त माध्यम है. लोक अदालत के फैसले के खिलाफ किसी भी अदालत में अपील दायर करने का प्रावधान नहीं है. इसका फैसला अंतिम होता है.
उन्होंने लोक अदालत के लाभों से लोगों को अवगत कराने के लिए प्रचार-प्रसार अभियान चलाने की बात कही. जस्टिस पटेल ने न्याय पाने के सबसे सशक्त माध्यम लोक अदालत का अधिक से अधिक उपयोग करने पर बल दिया. जस्टिस आरआर प्रसाद ने कहा कि लोक अदालत कम समय में न्याय पाने का साधन है.
समय की बचत होती है तथा कोर्ट फीस भी वापस मिल जाता है.लोक अदालत में किसी पक्ष की हार-जीत नहीं होती है, बल्कि आपसी समझौते के आधार पर विवाद का समाधान कराया जाता है. जस्टिस प्रसाद ने बहुत कम समय में अनुकंपा के आधार पर आश्रितों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने के लिए सीसीएल के अधिकारियों की कार्यशैली की प्रशंसा भी की. कार्यक्रम के दौरान जस्टिस पटेल व जस्टिस प्रसाद ने सीसीएल द्वारा नियुक्त आश्रितों को नियुक्ति पत्र दिया.
लोक अदालत का संचालन व धन्यवाद ज्ञापन झालसा के सदस्य सचिव सज्जन कुमार दुबे ने किया. इस अवसर पर झारखंड हाइकोर्ट लीगल सर्विसेज ऑथोरिटी के सचिव मनोज श्रीवास्तव, उप सचिव संतोष कुमार, सीडब्ल्यूसी रांची की अध्यक्ष जहांआरा, अधिवक्ता अमित कुमार दास, जयशंकर त्रिपाठी, सहित काफी संख्या में पक्षकारउपस्थित थे.
न्यायालय में लंबित 1500 मामले निष्पादित : विभिन्न जिलों में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में लगभग 1.76 लाख मामले निष्पादित किये गये. इसमें 1.75 लाख प्री लिटिगेशन तथा विभिन्न न्यायालयों में लंबित 1500 मामले शामिल हैं. लगभग 34.50 करोड़ रुपये का सेटलमेंट हुआ. झालसा में आयोजित लोक अदालत में 10 मामले निष्पादित किये गये. मामलों की सुनवाई के लिए एक बेंच का गठन किया गया था.
इन्हें मिला अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति पत्र : झालसा के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस डीएन पटेल के निर्देश के बाद सीसीएल प्रबंधन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आश्रितों की अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की. 10 मामलों में आश्रितों को नियुक्त करने का निर्देश दिया गया था. राष्ट्रीय लोक अदालत में शनिवार को आश्रितों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया. घनश्याम रजक, संतोष कुमार प्रजापति, मनोज गंझू, तुलसी गुनी, यशोदा देवी, दीपेश कुमार मुंडा, कमला बाई, नीरज कुमार, सच्चिदानंद कुमार, सबिता देवी को नियुक्त किया गया.
रांची में हुआ 400 मामलों का निष्पादन
शनिवार को रांची व्यवहार न्यायालय परिसर में लोक अदालत का आयोजन हुआ. इसमें बिरसा फूड प्लाजा एवं अन्नपूर्णा युटिलिटी सर्विर्सेज पर अनियमितता को पाते हुए इन पर जुर्माना किया गया. बिरसा फूड प्लाजा से 1500 रुपये और अन्नपूर्णा युटिलिटी से 8500 रुपये जुर्माना वसूला गया. शनिवार को आयोजित लोक अदालत के लिए पांच बेंच का गठन किया गया था. इनमें श्रम से संबंधित मामले, पारिवारिक मामलों सहित अन्य मामलों का भी निबटारा किया गया.
शनिवार को 400 मामलों का निष्पादन किया गया. इसमें 24 लाख सात हजार 118 रुपये की राशि का सेटलमेंट किया गया. 400 मामलों में 340 प्री लिटिगेशन से जुड़े थे जबकि विभिन्न न्यायालयों में लंबित 60 मामले निष्पादित हुए. पारिवारिक विवाद के तीन मामलों को भी सुलझाया गया.

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