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टैंकर के पानी पर आश्रित हैं लोग
इरगू टोली में निगम के 75 चापाकल में से 68 बेकार, 150 से अधिक निजी बोरिंग भी फेल शहर में पानी का संकट विक्राल रूप लेते जा रहा है. अधिकांश बोरिंग, कुआं तक सूख चुके हैं. कहीं लोग नाली से पानी भरने को मजबूर हैं, तो कहीं दूर से वाहनों के सहारे पानी लाने की […]
इरगू टोली में निगम के 75 चापाकल में से 68 बेकार, 150 से अधिक निजी बोरिंग भी फेल
शहर में पानी का संकट विक्राल रूप लेते जा रहा है. अधिकांश बोरिंग, कुआं तक सूख चुके हैं. कहीं लोग नाली से पानी भरने को मजबूर हैं, तो कहीं दूर से वाहनों के सहारे पानी लाने की विवशता. इरगू टोली के लोग टैंकर के पानी पर पूरी तरह से आश्रित हो चुके हैं. यहां पानी के लिए मारपीट की नौबत तक आ जाती है. इलाके की आबादी छह हजार से अधिक हैं. निगम की ओर से की जा रही जलापूर्ति नाकाफी है.
मोहल्ले की आबादी छह हजार से अधिक
रांची : वार्ड नं 30 इरगू टोली में पेयजल के लिए मोहल्ले की जनता त्रहिमाम कर रही है. जल संकट की स्थिति ऐसी है कि प्रतिदिन सुबह सोकर उठने के बाद लोग हाथ में बालटी लेकर पानी की खोज में निकल पड़ते हैं. मोहल्ले में कुल घरों की संख्या 900 से अधिक है, जिसमें छह हजार से अधिक लोग रहते हैं. नगर निगम के द्वारा लगाये गये आधे से अधिक चापाकल बेकार पड़े हुए हैं.
वर्तमान में निगम के द्वारा यहां प्रतिदिन दो बार टैंकर से जलापूर्ति की जाती है, परंतु वह भी नाकाफी है. जिस दिन निगम के टैंकर से पानी मोहल्ले में नहीं आता है, उस दिन खाना बनाने से लेकर नहाना तक दुश्वार हो जाता है.
पानी को लेकर हो चुकी है मारपीट : मोहल्ले में पेयजल संकट इस कदर है कि पिछले सप्ताह निगम का टैंकर जब वहां पहुंचा, पानी के लिए 100 से अधिक लोग इंतजार में खड़े थे. टैंकर के पहुंचने के साथ ही पहले पानी लेने के चक्कर में दो युवकों में हाथापाई भी हो गयी. इधर, मारपीट की स्थिति को देखते हुए निगम का टैंकर भी वहां से वापस भाग गया. बाद में पार्षद की उपस्थिति में वहां पानी का वितरण फिर से किया गया.
वार्ड में 75 चापाकल, 68 खराब
वार्ड नं 30 में रांची नगर निगम के कुल 75 चापाकल हैं. इनमें से मात्र सात चापाकल ही ऐसे हैं, जिससे नियमित रूप से पानी निकल रहा है. बाकी के 68 चापाकल बेकार पड़े हुए हैं. जो सात चापाकल चलते भी हैं, उनसे सुबह में दो घंटा ही पानी निकलता है. बाकी के समय में आधा घंटा तक लगातार चलाने से थोड़ा-थोड़ा पानी निकलता है.
दो सौ से अधिक घरों में सूख चुकी है बोरिंग
मोहल्ले में कुल 900 घर हैं, इनमें से 180 घरों की बोरिंग पूरी तरह से सूख चुकी है. सुबह में दो-दो घंटा तक मोटर चलाने के बाद भी दो-चार बालटी पानी ही निकल पाता है. बोरिंग के भी जवाब दे दिये जाने के कारण अब लोग निगम के टैंकर पर ही पूरी तरह से आश्रित हो गये हैं.
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