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ई-ऑक्शन में कंपनी की महत्वपूर्ण भूमिका
सीएमपीडीआइ के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक एके देबनाथ ने कहा रांची : कोल ब्लॉक के ई-ऑक्शन में सीएमपीडीआइ की टीम ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है. कंपनी के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक एके देबनाथ ने मीडिया से बातचीत के क्रम में यह बातें कहीं. उन्होंने कहा कि 50 इंजीनियरों की टीम ने ऑक्शन किये गये […]
सीएमपीडीआइ के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक एके देबनाथ ने कहा
रांची : कोल ब्लॉक के ई-ऑक्शन में सीएमपीडीआइ की टीम ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है. कंपनी के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक एके देबनाथ ने मीडिया से बातचीत के क्रम में यह बातें कहीं. उन्होंने कहा कि 50 इंजीनियरों की टीम ने ऑक्शन किये गये ब्लॉकों में कोयले के भंडार का आकलन कर वर्तमान मूल्य आधारित विवरणी तैयार की थी. इससे कोल ब्लॉक ऑक्शन में मंत्रलय को काफी फायदा मिला. कंपनी ने मंत्रलय को आइएसओ 9001 सर्टिफिकेशन लेने के लिए भी सहयोग किया.
उन्होंने कहा कि 2014-15 में कंपनी ने एक्सप्लोरेशन के क्षेत्र में नया मुकाम हासिल किया है. कंपनी ने ड्रिलिंग के नवीनतम तकनीक का उपयोग कर 8.28 लाख मीटर तक ड्रिलिंग कर नये भंडार का पता लगाया. कंपनी की ओर से 16 जियोलॉजिकल रिपोर्ट तैयार की गयी, जिसमें 3.6 बिलियन टन कोयले के प्रमाणित भंडार का पता चला है. कंपनी प्रबंधन की ओर से वेस्ट बोकारो के पुंडी ब्लॉक, डाबोर, सालनपुर-ए, सेंट्रल सालनपुर फेज-2, संग्राम गढ़ ईस्ट समेत नौ कोयला ब्लॉक के लिए सेस्मिक आंकड़े भी एकत्र किये गये.
कंपनी ने इस दौरान सैटेलाइट के आंकड़ों के अनुरूप कोयला और ओवर बर्डेन की मॉनिटरिंग की. पहली बार कंपनी की ओर से एमसीएल में पुनर्वास और पुनव्र्यवस्थापन में सैटेलाइट इमेजरी का उपयोग कर विस्थापितों को बसाया गया.
तीन क्षेत्रीय कार्यालयों में सौर ऊर्जा संयंत्र लगेगा
सीएमपीडीआइ के सीएमडी ने घोषणा की कि रांची की सफलता के बाद कंपनी के तीन और क्षेत्रीय कार्यालयों में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया जायेगा. उन्होंने कहा कि रांची स्थित कंपनी मुख्यालय में 200 किलोवाट का रूफ टॉफ सौर ऊर्जा संयंत्र नौ अक्तूबर 2014 को स्थापित किया गया था. उन्होंने आम लोगों से अधिक से अधिक ग्राउंड वाटर का उपयोग करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि कंपनी को केंद्र सरकार ने इनवायरनमेंट एसेसमेंट रिपोर्ट तैयार करने की मान्यता प्रदान कर दी है.
देसी कोयला सस्ता
श्री देबनाथ ने कहा कि भारत में उत्पादित कोयला आज भी आयातीत कोयले की तुलना में काफी सस्ता है. प्रति किलो कैलोरी के आधार पर भारतीय कोयले की कीमत 18 पैसे से 28 पैसे है, जबकि आयातीत कोयले की कीमत 68 पैसे प्रति किलो कैलोरी है. उन्होंने कहा कि देश के पावर प्लांट में 71 प्रतिशत कोयले का उपयोग हो रहा है.
श्री देबनाथ ने कहा कि कोल इंडिया ने 2013-14 में 36199 करोड़ का लाभांश विभिन्न राज्य सरकारों और केंद्र को दिया, जो अपने-आप में रिकार्ड है. कोल बेड मिथेन का उत्पादन भी कंपनी को दिया जा रहा है. देश भर में 23 कोल बेड मिथेन का पता लगाने में कंपनी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है.
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