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स्थानीय नीति इसी माह लागू होगी : अमर बाउरी

जमशेदपुर: स्थानीय नीति का अप्रैल में ही प्रारूप आयेगा और उसे लागू किया जायेगा. स्थानीय नीति की दिशा में सरकार गंभीरता से काम कर रही है. जो 14 सालों में नहीं हुआ, वह अब होगा. सभी को ध्यान में रखते हुए स्थानीय नीति बनायी जायेगी. यह बात राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री अमर […]

जमशेदपुर: स्थानीय नीति का अप्रैल में ही प्रारूप आयेगा और उसे लागू किया जायेगा. स्थानीय नीति की दिशा में सरकार गंभीरता से काम कर रही है. जो 14 सालों में नहीं हुआ, वह अब होगा. सभी को ध्यान में रखते हुए स्थानीय नीति बनायी जायेगी. यह बात राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री अमर कुमार बाउरी ने परिसदन में पत्रकारों से बातचीत में कही.
बिहार-यूपी के लोगों को तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग की नौकरी नहीं देने के मुख्यमंत्री के बयान पर श्री बाउरी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बिहार-यूपी के लोगों को नौकरी नहीं देने की बात नहीं की है. यह बात कहां से उठी, उन्हें नहीं पता. मुख्यमंत्री की बात का गलत अर्थ निकाला गया. मुख्यमंत्री ने कहा था कि तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग की नौकरी में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जायेगी. यहां के लोगों के विकास के लिए ही अलग राज्य बना है. साथ ही बिहार -यूपी के जो लोग झारखंडी हैं, उन्हें नौकरी से वंचित नहीं किया जायेगा. सरकार जो भी काम करेगी, वह संवैधानिक दायरे में रह कर काम करेगी.
86 बस्ती को मालिकाना हक या सब लीज में शामिल करने के मुद्दे पर श्री बाउरी ने कहा कि इसके लिए कमेटी गहनता से अध्ययन कर रही है. दिल्ली सरकार द्वारा स्लम को नियमित करने के लिए गये निर्णय की फाइल मंगा कर उसका अध्ययन किया जा रहा है. साथ ही मुख्यमंत्री स्वयं 86 बस्ती को मालिकाना हक देने पर गंभीर हैं. श्री बाउरी ने कहा कि म्यूटेशन, रसीद कटाने, लैंड ट्रांसफर, आदिवासी जमीन वापसी को ऑन लाइन करने का प्रयास किया जा रहा है.
एवरेस्ट फतह करने वाली विनीता सोरेन एवं मेघलाल महतो को सरकारी नौकरी नहीं मिलने के मुद्दे पर श्री बाउरी ने कहा कि दोनों द्वारा आवेदन दिया जायेगा, तो नौकरी देने पर विचार किया जायेगा.
1932 के खतियान को आधार बनाने की मांग
रांची . मुंडा समाज विकास समिति की बैठक रविवार को हुई. बैठक में स्थानीय नीति सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई. स्थानीय नीति के संबंध में कहा गया कि यह 1932 के खतियान के आधार पर बने. वर्ष 2000 या फिर 1995 को आधार वर्ष बनाने का विरोध किया गया. बैठक की अध्यक्षता सोमा सिंह मुंडा ने की. इस अवसर पर सिदो कान्हू विश्वविद्यालय के प्रोवीसी डॉ सत्य नारायण मुंडा, राय सिंह मुंडा, शंभू नारायण मुंडा, मेघनाथ सिंह मुंडा, विजय सिंह मुंडा सहित अन्य उपस्थित थे.
त्न 1964 का सर्वे हो स्थानीयता का आधार: तेली महासभा झारखंड प्रदेश की बैठक रविवार को चुटिया में राजकुमार साहु की अध्यक्षता में हुई. बैठक में वक्ताओं ने स्थानीय नीति को लेकर अपनी राय रखी. वक्ताओं ने कहा कि राज्य में स्थानीय नीति 1964 के अंतिम सर्वे के आधार पर किया जाये, तभी यह महासभा को मान्य होगा. बैठक में डॉ रामलाल, डॉ आरपी साहु, डॉ रामप्रसाद, डॉ महावीर प्रसाद, प्रो नागेंद्र प्रसाद, डॉ सुबोध प्रसाद, डॉ सुदेश कुमार, डॉ रामेश्वर साहु, वासुदेव प्रसाद, अजरुन साहु, प्रीतम साहु, आनंद साहु आदि उपस्थित थे.
त्न1932 का खतियान मान्य नहीं: झारखंड संयुक्त सदान संघर्ष समिति की बैठक रविवार को होटल गंगा आश्रम में हुई. बैठक में स्थानीय नीति पर अपनी राय रखते हुए वक्ताओं ने कहा कि 1932 के खतियान के आधार पर बनायी गयी नीति हमें मान्य नहीं है. वक्ताओं ने यह भी कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड व छत्तीसगढ़ के आधार पर स्थानीय नीति राज्य में बनाये. बैठक को उपेंद्र नारायण सिंह, बबन चौबे, भुनेश्वर मेहता, राम स्वरूप प्रसाद, अमरेंद्र मुन्नी, शिवजी शर्मा, भगवान राम, गंगा प्रसाद आदि ने संबोधित किया.

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