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डीएसपी पर हमला करनेवालों पर नहीं हुई कार्रवाई
रांची: कोतवाली डीएसपी दीपक अंबष्ट समेत अन्य पुलिसकर्मियों पर फायरिंग और मारपीट कर घायल करने के मामले में आरोपियों के खिलाफ सुखदेवनगर पुलिस अब तक कार्रवाई नहीं कर पायी है, जबकि घटना में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए एसपी आदेश दे चुके हैं. ज्ञात हो कि विवाद के बाद सुखदेवनगर थाना क्षेत्र में […]
रांची: कोतवाली डीएसपी दीपक अंबष्ट समेत अन्य पुलिसकर्मियों पर फायरिंग और मारपीट कर घायल करने के मामले में आरोपियों के खिलाफ सुखदेवनगर पुलिस अब तक कार्रवाई नहीं कर पायी है, जबकि घटना में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए एसपी आदेश दे चुके हैं. ज्ञात हो कि विवाद के बाद सुखदेवनगर थाना क्षेत्र में रहनेवाले रिटायर्ड फौजी की हत्या 17 अक्तूबर 2013 को हो गयी थी. इस घटना से आक्रोशित लोगों ने किशोरगंज के पास रोड जाम कर दिया.
जाम कर रहे लोगों को समझाने जब कोतवाली डीएसपी दीपक अंबष्ट पहुंचे, तब उन पर जानलेवा हमला किया गया था. बचाव में डीएसपी के बॉडीगार्ड ने हवाई फायरिंग भी की थी. घटना को लेकर सुखदेवनगर के तत्कालीन थानेदार अशोक कुमार राम ने प्राथमिकी दर्ज की थी. इसमें 31 नामजद सहित 200-300 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया था. सभी पर पुलिस पर फायरिंग करने, सरकारी काम में बाधा पहुंचाने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने सहित अन्य आरोप लगाये गये थे. जांच में सभी आरोपियों पर मामला सही पाया गया था. इसके बावजूद मामले में कार्रवाई नहीं हो रही है.
घटना में शामिल आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. केस के वर्तमान अनुसंधान दारोगा अशोक कुमार सिन्हा को निर्देश दिया है कि वह मामले में कार्रवाई सुनिश्चित करें.
मनोज कुमार, सुखदेवनगर थानेदार
जिन पर हमले का आरोप सही पाया गया
रामप्रवेश यादव, कृति चंद्र राय, गुड्ड राय, सरोज कुमार, दिलीप राय उर्फ लिट्टी राय, पिंटू राय, अविनाश यादव, पप्पू सोनी, कृष्णा राय, मोनू कुमार, अनुज कुमार झा, असर्फी राय, राजू यादव, रामईश्वर जायसवाल, विशाल सिंह, अमित सिंह, रामानंद यादव, राजकुमार राय, बालेश्वर ठाकुर, जनार्दन यादव, रामाश्रय राय, राजकुमार राय, हरिद्वार राय, चौधरी राय, विनय यादव, विकास कुमार, नेपाली, केदार नाथ पंडित, राम प्रवेश राय और शिवजी यादव सहित अन्य पर हमला करने का आरोप सही पाया है.
पूर्व में सिटी एसपी कर चुके हैं टिप्पणी
घटना को लेकर तत्कालीन सिटी एसपी अनूप बिरथरे ने 22 अगस्त, 2014 को एक जांच रिपोर्ट तैयार की थी, जिसमें सिटी एसपी ने टिप्पणी करते हुए लिखा था कि केस दर्ज होने के करीब नौ माह बीत जाने के बावजूद इस कांड में एक भी अभियुक्त की गिरफ्तारी नहीं होना आश्चर्य की बात है. मामले में सुखदेवनगर के थाना प्रभारी को एसपी के स्तर से यह निर्देश दिया जा चुका है कि वह स्वयं मामले में रुचि लेकर मामले में कार्रवाई सुनिश्चित करें.
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