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नियुक्ति हुई केवीके में जमे हैं मुख्यालय में
रांची : राज्य सरकार के निर्देश के बावजूद बिरसा कृषि विवि प्रशासन ने कृषि विज्ञान केंद्र में कार्यरत कर्मियों को मुख्यालय से नहीं हटाया है. सरकार के आदेश पर भोगेंद्र मिश्र को मुख्यालय से उनके पैतृक स्थान कृषि विज्ञान केंद्र वापस किया गया है. प्रभारी कुलपति केके खंडेलवाल ने सरकार के ही आदेश पर भोगेंद्र […]
रांची : राज्य सरकार के निर्देश के बावजूद बिरसा कृषि विवि प्रशासन ने कृषि विज्ञान केंद्र में कार्यरत कर्मियों को मुख्यालय से नहीं हटाया है. सरकार के आदेश पर भोगेंद्र मिश्र को मुख्यालय से उनके पैतृक स्थान कृषि विज्ञान केंद्र वापस किया गया है.
प्रभारी कुलपति केके खंडेलवाल ने सरकार के ही आदेश पर भोगेंद्र मिश्र को हटाया दिया था, साथ ही ऐसे अन्य कर्मियों की तलाश कर उन्हें भी कृषि विज्ञान केंद्र वापस भेजने का निर्देश दिया था. विवि प्रशासन पिछले नौ माह से इन कर्मियों की तलाश कर रहा है, लेकिन अबतक सूची नहीं बन पायी है. जबकि कृषि विज्ञान केंद्र के लगभग एक दर्जन से अधिक कर्मचारी अभी भी विवि मुख्यालय के विभिन्न विभागों में जमेहुए हैं.
इन कर्मियों में मुख्य रूप से उद्यान विभाग में डॉ केके झा, केके सिन्हा, प्रशासन निदेशालय में जेपी मिश्र,अमित कुमार मिश्र, अनुसंधान निदेशालय में आलोक कुमार झा, मिथिलेश कुमार, राहुल कुमार, प्रसार शिक्षा निदेशालय में अनामिता मिश्र, पशु चिकित्सा संकाय में मृत्युंजय सिंह, प्रक्षेत्र निदेशालय में सुप्रिया सिंह, गौरेयाकर्मा प्रक्षेत्र में डीके सिंह, एसबी सिंह आदि कई वर्षो से मुख्यालय में जमे हुए हैं.
क्या है सरकार का निर्देश
कृषि एवं गन्ना विकास विभाग के संयुक्त सचिव ने विवि को पत्र भेज कर कहा है कि भोगेंद्र मिश्र को बिरसा कृषि विवि मुख्यालय से उनके पैतृक स्थान कृषि विज्ञान केंद्र में उनके मूल पद पर वापस कर दिया जाये. इसके अतिरिक्त कृषि विज्ञान केंद्र के किन्हीं अन्य कर्मियों या पदाधिकारी, जिनका पदस्थापन गैर कृषि विज्ञान केंद्र में किया गया हो तथा जिनके वेतन आदि का भुगतान राज्य सरकार से प्राप्त सहायता अनुदान से किया जाता हो, उनका भुगतान अविलंब रोकते हुए उन्हें भी उनके पैतृक स्थान कृषि विज्ञान केंद्र में वापस किया जाये.
पत्र में लिखा गया है कि आइसीएआर के तहत संचालित (वित्त संपोषित) योजना कृषि विज्ञान केंद्र के पद को संपरिवर्तित कर बिरसा कृषि विवि में नहीं लाया जा सकता है. सरकार ने यह भी कहा है कि विवि के अधिनियम की धारा 25 में यह स्पष्ट है कि वित्तीय मामले में राज्य सरकार से पूर्वानुमति प्राप्त करना आवश्यक है, जबकि विवि द्वारा प्राय: अधिनियम की इस धारा का अनुपालन नहीं किया जाता है.
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