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आवासीय परिसर में नहीं रहते 75% बीडीओ-सीओ

राज्य के 11 जिलों के 148 प्रखंडों के बारे में ली गयी जानकारी मनोज सिंह रांची : मुख्यमंत्री व अन्य वरीय अधिकारियों के आदेश के बावजूद राज्य के मात्र 25 फीसदी प्रखंड विकास पदाधिकारी और अंचलाधिकारी ही आवासीय परिसर में रहते हैं. प्रभात खबर ने राज्य के 11 जिलों के 138 प्रखंडों में प्रखंड स्तर […]

राज्य के 11 जिलों के 148 प्रखंडों के बारे में ली गयी जानकारी
मनोज सिंह
रांची : मुख्यमंत्री व अन्य वरीय अधिकारियों के आदेश के बावजूद राज्य के मात्र 25 फीसदी प्रखंड विकास पदाधिकारी और अंचलाधिकारी ही आवासीय परिसर में रहते हैं. प्रभात खबर ने राज्य के 11 जिलों के 138 प्रखंडों में प्रखंड स्तर के महत्वपूर्ण पदाधिकारियों के बारे में जानकारी संग्रह की. इसमें पाया गया कि मात्र 36 प्रखंड विकास पदाधिकारी ही अपने आवासीय परिसर में रहते हैं.
अंचलाधिकारियों की स्थिति इससे भी खराब है. मात्र 26 अंचलाधिकारी ही आवासीय परिसर में रहते पाये गये हैं. प्रखंड कृषि पदाधिकारी और प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारियों की स्थिति तो और खराब है. 138 में से मात्र एक दर्जन प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारी और प्रखंड कृषि पदाधिकारी ही आवासीय परिसर में रहते हैं. प्रखंडों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ज्यादातर अधिकारी जिला मुख्यालय से ही आवागमन करते हैं.
राजधानी की स्थिति भी खराब: रांची में कुल 18 प्रखंड हैं. इनमें मात्र तीन प्रखंड विकास पदाधिकारी और दो अंचलाधिकारी ही प्रखंड के आवासीय परिसर में रहते हैं. जिले के कई प्रखंडों में इनके लिए नया आवास का निर्माण कराया जा रहा है. ज्यादातर पदाधिकारी जिले में फ्लैटों में रहते हैं. कुछ पदाधिकारियों के सरकारी आवास में रात में बिजली ऑन कर छोड़ दिया जाता है. नक्सल या अन्य गतिविधियों के मामले में शांत प्रखंडों (रातू, कांके, नामकुम आदि) के प्रखंड विकास पदाधिकारी भी आवासीय परिसर में नहीं रहते.
सबसे अच्छी स्थिति गढ़वा की
गढ़वा में प्रखंडों में रहनेवाले पदाधिकारियों की स्थिति अच्छी है. वहां कुल 20 प्रखंड व अंचल कार्यालय हैं. इनमें आठ बीडीओ और सीओ आवासीय परिसर में रहते हैं. रामगढ़ में कुल छह प्रखंड सह अंचल कार्यालय हैं. इनमें मात्र एक अधिकारी ही परिसर में रहते हैं.

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