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एकता व भाईचारे का पर्व है सरहुल
नामकुम : सरहुल न सिर्फ प्रकृति पर्व है, बल्कि यह एकता व भाईचारे का भी पर्व है. इसमें समाज के सभी वर्ग के लोग आपसी द्वेष भूल प्रकृति व मां सरना की पूजा करते हैं. ये बातें विधायक रामकुमार पाहन ने कही. वे मंगलवार को नामकुम के चटकपुर में आयोजित सरहुल महोत्सव को संबोधित कर […]
नामकुम : सरहुल न सिर्फ प्रकृति पर्व है, बल्कि यह एकता व भाईचारे का भी पर्व है. इसमें समाज के सभी वर्ग के लोग आपसी द्वेष भूल प्रकृति व मां सरना की पूजा करते हैं. ये बातें विधायक रामकुमार पाहन ने कही. वे मंगलवार को नामकुम के चटकपुर में आयोजित सरहुल महोत्सव को संबोधित कर रहे थे. मौके पर शारदा, बंधना, बालू, मनोज व प्रमोद उपस्थित थ़े
इटकी : क्षेत्र में मंगलवार को सरहुल की शोभायात्र निकाली गयी व फूलखोंसी कर त्योहार की बधाई दी गयी. शोभायात्र में शामिल लोग एक दूसरे को गुलाल-अबीर लगाये. इटकी में 12 पड़हा व सरना समिति के तत्वावधान में मौसीबाड़ी मैदान से शोभायात्र निकाली गयी. शोभायात्र का नेतृत्व केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष भोला उरांव व 12 पड़हा राजा अमन उरांव के अलावा अजीत कच्छप, डब्बू केरकेट्टा, झरिया कुजूर, सुधीर उरांव व रामनाथ उरांव कर रहे थे.
अनगड़ा. गेतलसूद सरना स्थल में मंगलवार को सरहुल मिलन समारोह का आयोजन किया गया़ समारोह में पाहनों को पगड़ी पहना कर सम्मानित किया गया़
इसके बाद लोगों ने मांदर की थाप पर नृत्य किया. समारोह में मुख्य अतिथि भाजपा जिलाध्यक्ष जैलेंद्र कुमार, विशिष्ठ अतिथि प्रमुख राजेंद्र शाही मुंडा व मुखिया अनिता देवी सहित अन्य मौजूद थे.
बुढ़मू. सरहुल प्रकृति का त्योहार व सरना धर्म का परिचायक है. जरूरत है इस धरोहर को बचाये रखने की. ये बातें मंगलवार को 21 पड़हा केंद्रीय सरना समिति ठाकुरगांव द्वारा आयोजित सरहुल जुलूस सह मिलन समारोह में पूर्व मंत्री देवकुमार धान ने कही. विशिष्ट अतिथि वीरेंद्र भगत ने सरहुल के महत्व पर प्रकाश डाला और नशा से दूर रहने का आह्वान किया. कार्यक्रम को सफल बनाने में सोमा, संजय, रंथु, बबलू, पुनय सरना समिति के कार्यकर्ताओ की भूमिका सराहनीय रही.
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