वडोदरा. दूध के लिए बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए 2021 तक एशिया में उत्पादन बढ़ कर 32 करोड टन किये जाने की जरूरत है. यह बात इस क्षेत्र के विशेषज्ञों ने कही. संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के विशेषज्ञों ने इस दशक के अंत तक दूध की उपलब्धता में पांच करोड़ टन की वृद्धि का आह्वान किया है.भारत की दुग्ध राजधानी आणंद में हुई बैठक के दौरान उन्होंने चर्चा की और एशिया में सतत डेयरी विकास के लिए रणनीति मसौदा अख्तियार करने की बात कही. आधिकारिक बयान के मुताबिक, इससे छोटे उत्पादकों की आजीविका को प्रोत्साहन मिलेगा और कुपोषण का स्तर कम होगा. इस बैठक का आयोजन एफएओ, एनडीडीबी, एशिया से संबद्ध पशु उत्पादन एवं स्वास्थ्य आयोग और पेसिफिक एंड ग्लोबल एजेंडा फॉर सस्टेनेबल लाइवस्टाक ने संयुक्त रूप से किया था. हालिया ओइसीडी-एफएओ कृषि दृष्टिकोण के मुताबिक, इस क्षेत्र में दूध और इससे बने उत्पादों की मांग 2021 तक बढ़ कर करीब 32 करोड़ टन हो जायेगी. विशेषज्ञों ने कहा कि इस दशक में इस क्षेत्र में दूध की उपलब्धता में पांच करोड़ टन की वृद्धि करनी होगी
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एशिया में दूध की मांग होगी 32 करोड़ टन
वडोदरा. दूध के लिए बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए 2021 तक एशिया में उत्पादन बढ़ कर 32 करोड टन किये जाने की जरूरत है. यह बात इस क्षेत्र के विशेषज्ञों ने कही. संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के विशेषज्ञों ने इस दशक के अंत […]
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