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प्राइवेट स्कूलों की मनमानी, गये थे रिजल्ट लेने, टीसी फॉर्म पर कराया हस्ताक्षर
रांची : पांचवी कक्षा में पढ़ने वाला छात्र अभिषेक कुमार (बदला हुआ नाम) शनिवार को अपनी मां के साथ संत थॉमस स्कूल में रिजल्ट लेने गया. कक्षा में जैसे ही मां अपने बेटे का रिजल्ट लेने गयी, क्लास टीचर ने उन्हें सादे कागज का फॉर्मेट पकड़ा दिया. उनसे कहा गया कि इस फॉर्मेट पर हस्ताक्षर […]
रांची : पांचवी कक्षा में पढ़ने वाला छात्र अभिषेक कुमार (बदला हुआ नाम) शनिवार को अपनी मां के साथ संत थॉमस स्कूल में रिजल्ट लेने गया. कक्षा में जैसे ही मां अपने बेटे का रिजल्ट लेने गयी, क्लास टीचर ने उन्हें सादे कागज का फॉर्मेट पकड़ा दिया. उनसे कहा गया कि इस फॉर्मेट पर हस्ताक्षर करने के बाद ही उन्हें बच्चे का रिजल्ट दिया जायेगा. फॉर्मेट देख कर बच्चे की मां परेशान हो गयी.
उन्होंने अपने पति को फोन कर इसकी जानकारी दी. इसके बाद बच्चे के पिता भागे-भागे स्कूल आये. उन्होंने क्लास टीचर से इसका कारण जानना चाहा. इस पर कहा गया कि प्राचार्य का आदेश है. इस फॉर्मेट पर हस्ताक्षर करने के बाद ही रिजल्ट मिल सकता है. जब बच्चे के पिता ने फॉर्मेट में लिखी बातों को पढ़ा, तो उसके होश उड़ गये. उसमें लिखा था कि मैं निजी कारणों से अपने वार्ड को इस स्कूल से ले जाना चाहता हूं.
जल्द से जल्द ट्रांसफर सर्टिफिकेट निर्गत किया जाये. ऐसा सिर्फ एक छात्र के साथ नहीं हुआ. स्कूल में पढ़नेवाले प्रत्येक कक्षा के तीन से चार स्टूडेंट्स के अभिभावक को ऐसे ही फॉर्मेट में हस्ताक्षर कर रिजल्ट लेना पड़ा. जब अभिभावक संबंधित स्कूल के प्राचार्य से बात करने गये, तो उन्हें मिलने नहीं दिया गया. राजधानी के कई स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के अभिभावक ने इस प्रकार की घटना की शिकायत की है. अभिभावकों की चिंता बढ़ गयी है. उन्हें चिंता सता रही है कि स्कूल प्रबंधन अब कभी भी उनके बच्चे को स्कूल से हटा देगा.
क्या कहता है स्कूल प्रबंधन
संत थॉमस स्कूल के प्राचार्य मोनी मैथ्यू से बात की गयी, तो उन्होंने बताया कि अच्छा प्रदर्शन नहीं करनेवाले छात्रों के अभिभावकों को चेतावनी देने के लिए यह प्रक्रिया अपनायी गयी है, ताकि अभिभावक अपने बच्चे का सही तरीके से ख्याल रखें. जो बच्चे चार-चार विषय में फेल हैं या स्कूल में शरारत कर रहे हैं, वैसे अभिभावकों से हस्ताक्षर कराया गया है.
क्या लिखा है फॉर्मेट में
संत थॉमस स्कूल में दिये गये फॉर्मेट में लिखा गया है कि मैं निजी कारणों से अपने वार्ड को स्कूल से ले जाना चाहता हूं. मुङो जल्द से जल्द ट्रांसफर सर्टिफिकेट निर्गत किया जाये.
क्या कहते हैं अभिभावक
उनके बच्चे को 77 प्रतिशत अंक मिले हैं. इसके बावजूद उनसे फॉर्मेट पर हस्ताक्षर कराया गया है. कहा गया कि आपका बच्च स्कूल में शरारत करता है. अगर आप इस पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे, तो रिजल्ट नहीं दिया जायेगा.
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