रांची: केंद्र प्रायोजित योजनाओं को समय पर करने के लिए सरकार प्रयास करेगी. सरकार हर तीन महीने पर योजनाओं की समीक्षा करेगी. केंद्रीय योजनाओं पर खर्च की मॉनीटरिंग करेगी. सोमवार को अल्पसूचित के तहत पहले सत्र में आलमगीर आलम के सवाल पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सदन को यह जानकारी दी. पक्ष-विपक्ष ने रिसोर्स गैप पर चिंता जतायी. विपक्षी विधायक बादल का कहना था कि सरकार रिसोर्स गैप को स्वीकार कर रही है.
सरकार बताये कि क्या चालू वित्तीय वर्ष में पुन: कटौती करेगी. इससे सरकार की विश्वसनीयता नहीं घटेगी. प्रभारी मंत्री सरयू राय का कहना था कि सरकार ने वास्तविक आंकड़े दिये हैं. कटौती के कारण रहे हैं. इस वर्ष केंद्रीय अनुदान ज्यादा मिलने वाला है. योजना और वित्त विभाग मिल कर काम कर रहा है. विपक्ष के विधायक प्रदीप यादव का कहना था कि सरकार बताये कि बड़ा गैप है.
सरकार कौन सा प्रयास कर रही है, जिससे हम केंद्रीय मदद लेने में आगे रहेंगे. केंद्र प्रायोजित योजना बहुत नहीं है. सरकार बताये कि मनरेगा, सर्वशिक्षा, बीआरजीएफ सहित अन्य योजनाओं की क्या स्थिति है. सत्ता पक्ष के विधायक राधाकृष्ण किशोर का कहना था कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं का विभागीय स्तर पर अनुश्रवण नहीं होता है. पक्ष-विपक्ष की चर्चा के बाद मुख्यमंत्री रघुवर दास ने हस्तक्षेप किया. मुख्यमंत्री का कहना है कि विधायकों की चिंता वाजिब है. योजनाओं का डीपीआर नहीं भेजा जा सका. कई योजनाओं का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं आ सका. आने वाले दिनों में सरकार रोड मैप के आधार पर काम करेगी.
जेपीएससी की ओएमआर सीट का मामला उठा
झामुमो विधायक दीपक बिरुआ ने अल्पसूचित के माध्यम से जेपीएससी की ओएमआर सीट का मामला उठाया. विधायक का कहना था कि जेपीएससी ओएमआर सीट में 41 सौ विद्यार्थी विषय कोड में रंगना भूल गये, तो पुस्तिका की जांच नहीं करायी गयी. जेपीएससी अपनी ही मार्क्स सीट में कई गलतियां करता है. जेपीएससी ओएमआर सीट को सार्वजनिक करे. विधायक बादल, कुणाल षाड़ंगी सहित कई विधायकों का कहना था कि मानवीय भूल है. सरकार को सहानुभूतिपूर्वक विचार करना चाहिए. स्पीकर दिनेश गोस्वामी का कहना था कि सुधार संभव है, तो देखें. प्रभारी मंत्री सरयू राय ने सदन को आश्वसत किया कि मानवीय आधार पर सरकार विचार करेगी. संवेदनापूर्वक देखा जायेगा.