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अतिक्रमण हटाना होगी बड़ी चुनौती
प्रवीण मुंडा रांची : हरमू नदी का कुल 10.40 किमी हिस्सा शहरी क्षेत्र में पड़ता है. ज्यादातर जगहों पर नदी के इस हिस्सा का अतिक्रमण हो चुका है. नदी के बहाव क्षेत्र में निर्माण किया गया है. विद्यानगर, हरमू रोड, अरगोड़ा सहित अन्य इलाकों में लोगों ने अतिक्रमण कर नदी के बहाव क्षेत्र में निर्माण […]
प्रवीण मुंडा
रांची : हरमू नदी का कुल 10.40 किमी हिस्सा शहरी क्षेत्र में पड़ता है. ज्यादातर जगहों पर नदी के इस हिस्सा का अतिक्रमण हो चुका है. नदी के बहाव क्षेत्र में निर्माण किया गया है. विद्यानगर, हरमू रोड, अरगोड़ा सहित अन्य इलाकों में लोगों ने अतिक्रमण कर नदी के बहाव क्षेत्र में निर्माण खड़ा कर दिया किया है. खटाल बनाये गये हैं. इससे नदी का तट काफी संकुचित हो गया है. लोग अपने मकान का गंदा पानी भी नदी में ही बहाते हैं. कचरा व अन्य गंदगी भी नदी में ही फेंकते हैं.
इसकी वजह से नदी का पानी पूरी तरह से प्रदूषित हो चुका है. नदी का स्वरूप नाले की तरह हो गया है.अतिक्रमण के कारण नापी तक करने में सफल नहीं हुआ प्रशासन : बड़ी संख्या में लोगों ने हरमू नदी के रास्ते का अतिक्रमण कर निर्माण किया है. अतिक्रमणकारी नदी के संरक्षण का विरोध करते रहे हैं.
इस वजह से कई कोशिशों के बावजूद प्रशासन अतिक्रमण का सर्वे नहीं करा सका. नगर विकास विभाग के निर्देश पर जिला प्रशासन ने कई बार हरमू नदी की मापी करने का प्रयास किया. परंतु, हर बार विरोध के कारण मापी की प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकी. अब राज्य सरकार ने जीर्णोद्धार कार्य के साथ ही नापी कर अतिक्रमण हटाने का फैसला किया है.
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