पिस्कानगड़ी : स्वर्णरेखा के उदगम स्थल रानीचुआं के समीप शनिवार को प्रथम सरना सनातन कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया गया. भारत माता फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित इस सम्मेलन का उदघाटन मुख्य अतिथि सांसद रामटहल चौधरी, विशिष्ट अतिथि विधायक नवीन जायसवाल व हिंदू जागरण मंच के डॉ सुमन ने संयुक्त रूप से किया.
मुख्य वक्ता के रूप में हिंदू जागरण मंच के झारखंड एवं बिहार के प्रभारी डॉ सुमन ने कहा गंगा, गीता, गाय, गुरु व गायत्री को सम्मान देने के लिए हम कटिबद्ध हैं. जो इन्हें सम्मान नहीं दे सकते, वे हमारे मित्र नहीं हो सकते. आदिवासी समाज जल, जंगल, जमीन के लिए सदैव संघर्ष करता आया है. इन्हें आगे भी जारी रखना चाहिए . धर्मांतरण के संबंध मे डॉ सुमन ने कहा धर्मांतरण महापाप है. इसे रोकना और टोकना होगा, नहीं माने तो ठोकना होगा. इसके लिए आदिवासी समाज को संगठित होना होगा. उन्होंने कहा लव जेहाद का शिकार अधिकतर आदिवासी हो रहे हैं.
उन्होंने सरकार से गो हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध, प्रमुख नदियों का जीर्णोद्घार व धर्मांतरण पर पूर्ण रोक लगाने की मांग की. सांसद रामटहल चौधरी ने कहा सरना और सनातन अति प्राचीन धर्म हैं. इसका आदि है और न अंत . दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं. दोनों मिल कर सरहुल, करमा, रामनवमी, होली व दीपावली जैसे त्योहार मनाते आ रहे हैं. उन्होंने रानीचुआं को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की बात कही. विधायक नवीन जायसवाल ने कहा सरना और सनातन प्रकृति के पूजक हैं. दोनों में काफी समानताएं हैं. हमें मिल जुल कर समाज को विकास के पथ ले जाने की जरूरत है.
उन्होंने क्षेत्र के विकास के संबंध मे कहा कि क्षेत्र के कई गांवों मे पेयजल के लिए बड़ी जलमीनार बनायी जायेगी. कार्यक्रम की अध्यक्षता भारत माता फाउंडेशन के सुरेश्वरी महतो ने की. सम्मेलन में उपस्थित अतिथियों व पहानों को स्वागत पगड़ी बांध कर किया गया. स्वागत भाषण पंकजराज व कमलेश केसरी ने किया, जबकि मंच संचालन प्रेमसागर महतो व प्रदीप कुमार ने किया. धन्यवाद ज्ञापन मनोज कुमार महतो ने किया.