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पूर्व विधायक की पत्नी पर प्राथमिकी की चेतावनी
जमीन आवंटन रद्द करने का फैसला शकील अख्तर रांची : राज्य आवास बोर्ड ने पूर्व विधायक संजय यादव की पत्नी कल्पना देवी सहित अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की चेतावनी दी है. साथ ही जमीन का आवंटन रद्द करने का फैसला लिया है. इन लोगों पर जालसाजी कर बोर्ड की बहुमूल्य जमीन हासिल करने […]
जमीन आवंटन रद्द करने का फैसला
शकील अख्तर
रांची : राज्य आवास बोर्ड ने पूर्व विधायक संजय यादव की पत्नी कल्पना देवी सहित अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की चेतावनी दी है. साथ ही जमीन का आवंटन रद्द करने का फैसला लिया है. इन लोगों पर जालसाजी कर बोर्ड की बहुमूल्य जमीन हासिल करने का आरोप है.
बोर्ड ने जमीन हासिल करने के लिए की गयी जालसाजी के आरोपों पर जवाब देने के लिए 20 मार्च तक का समय दिया है. आवास बोर्ड के प्रबंध निदेशक दिलीप झा की ओर से करायी गयी जांच के बाद बोर्ड की ओर से यह कार्रवाई की गयी है.
राज्य आवास बोर्ड में सक्रिय जमीन माफिया और बोर्ड के कर्मचारियों के सांठगांठ से हुई जमीन की खरीद-बिक्री की जांच के दौरान पूर्व विधायक द्वारा की गयी जालसाजी का खुलासा हुआ है. जांच में यह पाया गया है कि राम स्वरूप राम ने 13 जून 2006 को राज्य आवास बोर्ड को एक आवेदन दिया. इसमें यह दावा किया गया कि उन्हें बिहार राज्य आवास बोर्ड द्वारा 10 मई 1990 को हुई लॉटरी में प्लॉट संख्या एचआइी/01 आवंटित किया गया था.
उन्होंने 23 मई 1996 को आवश्यक दस्तावेज बोर्ड में जमा कराये थे. हालांकि अब तक बोर्ड ने आवंटन आदेश जारी नहीं किया है, इसलिए उनके नाम से संबंधित जमीन का आवंटन आदेश जारी किया जाये. इस आवेदन पर तत्कालीन एमडी अविनाश कुमार ने कार्यपालक अभियंता से रिपोर्ट मांगी. अभियंता ने अपनी रिपोर्ट में 1990 से पूर्व लॉटरी होने की बात लिखी. साथ ही यह भी लिखा कि 13 जून 2009 को भी आठ व्यक्तियों के नाम जमीन आवंटित की गयी थी. हालांकि आवंटन आदेश जारी नहीं किया गया था.
इसके बाद यह मामला 2007 में तत्कालीन एमडी अब्राहम रौना के समक्ष पेश किया गया. रौना ने पहले तो आवंटन के 16 वर्षों बाद तक कोई कार्रवाई नहीं किये जाने की वजह से उसे रद्द करते हुए नये सिरे से लॉटरी के माध्यम से आवंटन की प्रक्रिया करने का आदेश दिया. पर, बाद में वह खुद ही बदल गये. उन्होंने राम स्वरूप राम के नाम जमीन का आवंटन आदेश जारी करने का निर्देश दिया. इसके बाद बोर्ड ने राम स्वरूप राम के नाम प्लॉट संख्या एचआइजी/01 का आवंटन आदेश जारी कर दिया. जांच में यह पाया गया कि वर्ष 1990 में राम स्वरूप राम के नाम लॉटरी में जमीन का आवंटन हुआ ही नहीं था.
साथ ही पुरुलिया रोड में छह कठ्ठा जमीन (होल्डिंग नंबर 1802/ए ) होने के बावजूद जमीन नहीं होने का शपथ पत्र दिया था. जमीन का आवंटन आदेश मिलने के बाद राम स्वरूप राम ने बानो मंजिल रोड निवासी अजय वर्मा की पत्नी रीता देवी के नाम 22 मई 2009 को जमीन हस्तांतरित कर दी. बोर्ड ने इस पर अपनी सहमति भी दे दी. हालांकि रीता देवी से इस बात का शपथ पत्र नहीं लिया कि उनके या उनके पारिवारिक सदस्यों के पास निगम क्षेत्र में कोई जमीन नहीं है. इसके बाद रीता देवी ने 2010 में यह जमीन तत्कालीन विधायक संजय यादव की पत्नी कल्पना देवी के नाम हस्तांतरित कर दी.
जांच में पाया गया कि कल्पना देवी ने जमीन हस्तांतरित कराने के लिए बोर्ड में गलत शपथ पत्र दायर कर यह दावा किया था कि उनके या उनके आश्रितों के नाम निगम क्षेत्र में कोई जमीन नहीं है. जांच में यह पाया गया कि रांची शहर अंचल में कल्पना देवी के नाम 35 लाख रुपये की लागत से खरीदी गयी जमीन पहले से मौजूद थी. इसकी खरीद 2009 में की गयी थी. इस पूरे प्रकरण का सबसे रोचक पहलू यह है कि राम स्वरूप राम ने जांच अधिकारियों से समक्ष यह स्वीकार किया कि वह कभी बोर्ड ऑफिस नहीं गये थे. उन्हें कागज पर हस्ताक्षर करने के बदले 7.5 लाख रुपये मिले थे.
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