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कृषि मंत्री का वक्तव्य सुनने से विपक्ष का इनकार, कहा विचाराधीन है रणधीर की सदस्यता का मामला

रांची: कृषि मंत्री रणधीर सिंह का जवाब सुनने से विपक्ष ने इनकार कर दिया. मंगलवार को कृषि, पशुपालन, मत्स्य, गव्य और वन विभाग के बजट पर कटौती प्रस्ताव आया था. प्रस्ताव का जवाब देने के लिए जब कृषि मंत्री रणधीर सिंह उठे तो प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने इसका विरोध किया. श्री सोरेन ने […]

रांची: कृषि मंत्री रणधीर सिंह का जवाब सुनने से विपक्ष ने इनकार कर दिया. मंगलवार को कृषि, पशुपालन, मत्स्य, गव्य और वन विभाग के बजट पर कटौती प्रस्ताव आया था. प्रस्ताव का जवाब देने के लिए जब कृषि मंत्री रणधीर सिंह उठे तो प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने इसका विरोध किया. श्री सोरेन ने कहा कि राज्य में हॉर्स ट्रेडिंग के माध्यम से दूसरे दलों के विधायकों को भाजपा में शामिल कराया गया है. यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है.

यह मामला सदन के समक्ष भी आया है. यह विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष विचाराधीन है. अभी यह तय नहीं है कि कृषि मंत्री कि स दल में हैं. मुख्यमंत्री को चाहिए कि वह किसी दूसरे मंत्री से विभाग का जवाब दिलायें. इस पर संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय ने कहा कि रणधीर सिंह ने जब सदन पटल पर बजट रखा था, तो किसी को आपत्ति नहीं हुई थी. विधानसभा अध्यक्ष ने इनके भाजपा में विलय को मान्यता भी दे दी है. वह सरकार को उत्तर दे सकते हैं. लोकतंत्र की गरिमा का ख्याल विपक्ष को होना चाहिए. श्री राय के इस तर्क से विपक्ष सहमत नहीं हुआ. वेल में आकर पूरे विपक्ष ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. इसके बाद सभी विपक्षी विधायक बाहर चले गये.

बहिष्कार के बाद मंत्री ने जवाब दिया. मंत्री के जवाब के बाद ध्वनित से कृषि विभाग का 950.68 करोड़ रुपये बजट (योजना मद 806 करोड़ व गैर योजना मद 144.68 करोड़) पारित कर दिया गया.
कटौती प्रस्ताव के पक्ष में
एनएचएम में गड़बड़ी की सीबीआइ जांच कराये सरकार : प्रदीप यादव
कृषि विभाग के बजट का कटौती प्रस्ताव लाते हुए प्रदीप यादव ने कहा कि यहां कागजों पर बीज बांटा जाता है. राष्ट्रीय बागवानी मिशन (एनएचएम) में घोटाले की खबर (प्रभात खबर, 27 सितंबर 2014 के अंक) छपी थी. इसके बाद तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष ने जांच करायी. जांच में रचना नामक संस्था को बार-बार गलत ढंग से पैसा देने की पुष्टि हुई. जांच रिपोर्ट की अनुशंसा के बाद परियोजना निदेशक डॉ प्रभाकर सिंह को पद मुक्त भी किया गया. लेकिन, सत्ता बदलते ही डॉ सिंह को पुरस्कृत किया गया. उनको परियोजना निदेशक के साथ-साथ उद्यान निदेशक का भी प्रभार दे दिया गया. उद्यान मिशन में 2001 से 2015 तक हुई गड़बड़ी की जांच सीबीआइ से होनी चाहिए.
मात्र एक वेटनरी कॉलेज में बंद है नामांकन : योगेंद्र
योगेंद्र महतो ने कहा कि राज्य में एक मात्र वेटनरी कॉलेज है. इसमें भी नामांकन बंद है. सरकार इसको लेकर गंभीर नहीं है. यहां के 80 फीसदी शिक्षक रिटायर हो गये हैं. सरकार ने अपने बजट में शीत गृह की चर्चा नहीं की है. कई जिलों में कृषि पदाधिकारियों का पद रिक्त है.
अब तक नहीं बनी कृषि नीति : आलमगीर
आलमगीर आलम ने कहा कि राज्य में अब तक कृषि नीति लागू नहीं हो पायी है. राज्य गठन के बाद कृषि विभाग 50 हजार करोड़ से अधिक खर्च कर चुका है. लेकिन यह कहीं दिखता नहीं है. 2014-15 और 2015-16 के बजट में केवल मंत्रियों के फोटो का अंतर है. राज्य की 70 फीसदी लोगों के लिए सरकार चिंतित नहीं है. विधायकों को कृषि पर खर्च करने के लिए राशि मिलनी चाहिए.
10 करोड़ में कैसे बनेगा सभी प्रखंडों में उपकरण बैंक : बादल
बादल ने कहा कि सरकार ने 10 करोड़ रुपये का प्रावधान कृषि उपकरण बैंक के लिए किया है. इतनी राशि में सभी प्रखंडों में कैसे कृषि उपकरण बैंक बन पायेगा? 39 लाख किसानों में मात्र साढ़े तीन लाख का ही केसीसी बना है. बजट में इस लक्ष्य तक पहुंचने का जिक्र नहीं है. कटौती प्रस्ताव का समर्थन योगेंद्र महतो, अनिल मुरमू ने भी किया.
विरोध में
एक गांव को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लें : योगेश्वर महतो
योगेश्वर महतो ने कहा कि यहां के किसान अनुभवी नहीं हैं. एक-एक गांव चयनित कर उसको पॉयलट प्रोजेक्ट के रूप में विकसित करना चाहिए. इसके लिए पांच साल की योजना बनायी जानी चाहिए. राज्य में कृषि कल्चर खत्म होता जा रहा है. इसे बढ़ावा दिया जाना चाहिए.
पलामू प्रमंडल को मिले विशेष पैकेज : तिवारी
सत्येंद्र नाथ तिवारी ने कहा कि राज्य में पंचायतवार कृषि उपकरण बैंक खोलने का निर्णय सराहनीय है. पिछले तीन साल से पलामू प्रमंडल में सुखाड़ की स्थिति है. सरकार को वहां के किसानों की हालत को देखते हुए विशेष पैकेज देना चाहिए. उन्होंने ट्रैक्टर वितरण में गड़बड़ी की जांच के लिए सदन की कमेटी बनाने की मांग की. कटौती प्रस्ताव का विरोध ताला मरांडी, जानकी यादव ने भी किया.
ट्रैक्टर खरीद में अनियमितता की जांच होगी : मंत्री
कृषि मंत्री श्री सिंह ने प्रदीप यादव द्वारा लाये गये कटौती प्रस्ताव का जवाब देते हुए कहा कि ट्रैक्टर खरीद में जो अनियमितता की शिकायत मिली है, इसकी जांच करायी जायेगी. पूरे राज्य में इसकी जांच होगी. गढ़वा में जो शिकायत मिली थी, इसकी जांच आयुक्त से करायी जा रही है. आयुक्त की रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जायेगी. मंत्री ने कहा कि महिला कोऑपरेटिव के माध्यम से दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा दिया जायेगा. हरेक गांव में डेयरी फॉर्म खोला जायेगा. गो तस्करी पर रोक लगायी जायेगी. किसी भी सूरत में गो हत्या बरदाश्त नहीं होगी. गोशाला का अनुदान दिया जायेगा. जरूरत पड़ी को गो हॉस्टल भी खोला जायेगा.
तीन माह में कृषि नीति
श्री सिंह ने कहा कि तीन माह में कृषि नीति की घोषणा कर दी जायेगी. कृषि को उद्योग का दरजा दिलाया जायेगा. गांव-पंचायत में किसान कैबिनेट की स्थापना होगी. यहां वैज्ञानिक जाकर किसानों को प्रशिक्षण देंगे. मंत्री ने घोषणा की कि कृषक मित्रों को अभी 4000 रुपये प्रति वर्ष प्रोत्साहन राशि दी जाती है. यह छह हजार रुपये कर दी जायेगी. कृषि-पशुपालन विभाग के रिक्त पदों पर बहाली की प्रक्रिया जल्द होगी. किसानों को सौर ऊर्जा वाली पंप दी जायेगी. मंत्री ने इस मौके पर किसान हेल्थ रथ निकालने की भी घोषणा की. उन्होंने कहा कि इसमें वैज्ञानिक रहेंगे. यह किसानों के समस्या का ऑन स्पॉट निदान देंगे.

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