बैठक को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि पहले सरहुल की शोभायात्र में रांची के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से लोग शामिल होते थे. अब कई कारणों से शोभायात्र में शामिल होनेवालों की संख्या घट रही है. उन्होंने कहा कि प्रशासन को सरहुल के अवसर पर व्यवस्था बनाने के लिए जितना प्रयास करना चाहिए, वह नहीं हो रहा है.
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शोभायात्रा में निगम करेगा सहयोग : मेयर
रांची: मेयर आशा लकड़ा ने कहा है कि सरहुल पर्व की शोभायात्र के दौरान नगर निगम अपनी ओर से पूरा सहयोग करेगा. उन्होंने कहा कि पर्व के अवसर पर साफ-सफाई, पेयजल की व्यवस्था के लिए निगम मुस्तैद है. मेयर मंगलवार को मोरहाबादी के संगम गार्डेन में आयोजित केंद्रीय सरना समिति की बैठक में बोल रही […]
रांची: मेयर आशा लकड़ा ने कहा है कि सरहुल पर्व की शोभायात्र के दौरान नगर निगम अपनी ओर से पूरा सहयोग करेगा. उन्होंने कहा कि पर्व के अवसर पर साफ-सफाई, पेयजल की व्यवस्था के लिए निगम मुस्तैद है. मेयर मंगलवार को मोरहाबादी के संगम गार्डेन में आयोजित केंद्रीय सरना समिति की बैठक में बोल रही थीं.
पूर्व आइजी डॉ अरुण उरांव ने कहा कि अब आदिवासी समाज के लोगों को सरहुल की शोभायात्र में शामिल होने की जरूरत पहले से ज्यादा है. सरहुल की शोभायात्र से आदिवासी समाज की पहचान, हित, अस्तित्व व संस्कृति की झलक मिले. जगलाल पाहन ने कहा कि 2015 का सरहुल पर्व भूमि बचाने के संकल्प के साथ मनाना होगा. बरखा लकड़ा ने अपने संबोधन में सरहुल पर झांकियों की संख्या बढ़ाने एवं उनमें आदिवासी समाज से जुड़े मुद्दों को दर्शाने की बात कही. मौके पर अभय भुंटकुंवर, दुखा भगत, फूलचंद तिर्की सहित अन्य ने भी अपने विचार रखे. विशेष रूप से इन बातों पर चर्चा हुई कि कैसे ज्यादा से ज्यादा लोग सरहुल के जुलूस में शामिल हों. अनेक वक्ताओं ने चिंता व्यक्त की, कि शहर का पढ़ा लिखा आदिवासी वर्ग इन शोभायात्रा में शामिल नहीं हो पा रहा है.
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