क्यों नहीं आपकी संपत्ति निलाम होबीएसआइडीसी को जवाब देने का निर्देशमामला बंद इकाइयों के कर्मियों के बकाया भुगतान कारांची : झारखंड हाइकोर्ट में मंगलवार को बिहार राज्य इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (बीएसआइडीसी) के बंद इकाइयों के कर्मियों के बकाया भुगतान को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस प्रमाथ पटनायक की खंडपीठ ने प्रार्थी की हस्तक्षेप याचिका पर सुनवाई करते हुए बीएसआइडीसी के रवैये पर कड़ी नाराजगी जतायी. खंडपीठ ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि 19 दिसंबर 2012 के आदेश का अब तक अनुपालन क्यों नहीं किया गया. कर्मियों के बकाया वेतन, सेवानिवृत्ति लाभ का भुगतान क्यों नहीं किया गया. क्यों नहीं आपकी संपत्ति निलाम कर दी जाये. प्रतिवादी के अधिवक्ता के आग्रह पर खंडपीठ ने एक अवसर प्रदान किया. गौरतलब है कि प्रार्थी बीएसआइडीसी कामगार यूनियन की ओर से हस्तक्षेप याचिका दायर कर प्रतिवादी के खिलाफ अवमानना प्रक्रिया शुरू करने का आग्रह किया गया है. कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में हाइकोर्ट ने 19 दिसंबर 2012 को कर्मियों के बकाया वेतन, सेवानिवृत्ति लाभ आदि के भुगतान के लिए 75 करोड़ रुपये जमा करने को कहा था. आदेश का पालन नहीं होने पर कोर्ट ने अंतरिम राहत के तौर पर लगभग सात करोड़ रुपये जमा कराया, जिसका भुगतान झालसा के माध्यम से कर्मियों को किया गया है. शेष बकाया का भुगतान अब तक नहीं किया गया. यह कोर्ट की अवमानना का मामला बनता है.
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हाइकोर्ट ने बीएसआइडीसी को लगायी फटकार, कहा
क्यों नहीं आपकी संपत्ति निलाम होबीएसआइडीसी को जवाब देने का निर्देशमामला बंद इकाइयों के कर्मियों के बकाया भुगतान कारांची : झारखंड हाइकोर्ट में मंगलवार को बिहार राज्य इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (बीएसआइडीसी) के बंद इकाइयों के कर्मियों के बकाया भुगतान को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस डीएन पटेल व जस्टिस प्रमाथ पटनायक की […]
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