संवाददाता,रांची अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आर्ट ऑफ लिविंग एवं महिला बटालियन के संयुक्त तत्वावधान में जैप-10 ,होटवार के परेड ग्राउंड पर सशस्त्र महिलाओं ने उत्सव मनाया. समादेष्टा रेणूबाला एवं पूर्व जज आर्ट ऑफ लिविंग टीचर बृजेश बहादुर सिंह और उनकी पत्नी सुशीला सिंह आर्ट ने देश-विदेश में महिलाओं की उपलब्धियां एवं महिलाओं के प्रेरक प्रसंगों पर चर्चा की. भारतीय संदर्भ में महिलाओं की स्थिति, उनके अंतिमहत्वपूर्ण योगदान अति विकसित स्वरूप होते हुए अति दयनीय अवस्था के कारणों पर वाद-विवाद किया गया. महिलाओं के अनेक रूपों में एक प्रमुख रूप पत्नी की भूमिका पर बहस से यह निष्कर्ष निकाला गया कि बहू के आने पर सास को यह डर समा जाता है कि उसके बेटे के प्यार को अब बहू बाटेगी. अत: बेटा मां को कम प्यार करेगा, अत: सास बहू के बीच बेटे व पति का प्यार पाने की रस्सा-कस्सी शुरू होती है, पति दोनों के बीच पिसता है. अत: सभी बहूओं को नसीहत देने के उद्देष्य से झा0स0पु0 समादेष्टा रेणूबाला ने यह प्रेरणा दी कि आप लोग (महिला पुलिस) अपनी सास को यह विश्वास दिलायें कि वह बेटे के प्यार को बांटने नहीं बल्कि बेटे के प्यार में बहू का प्यार जोड़ने के लिए आयी हैं.
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जैप-10 में मनाया गया महिला दिवस असंपादित
संवाददाता,रांची अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आर्ट ऑफ लिविंग एवं महिला बटालियन के संयुक्त तत्वावधान में जैप-10 ,होटवार के परेड ग्राउंड पर सशस्त्र महिलाओं ने उत्सव मनाया. समादेष्टा रेणूबाला एवं पूर्व जज आर्ट ऑफ लिविंग टीचर बृजेश बहादुर सिंह और उनकी पत्नी सुशीला सिंह आर्ट ने देश-विदेश में महिलाओं की उपलब्धियां एवं महिलाओं के […]
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