इसके बाद से वह परामर्शी के रूप में यहां कार्यरत हैं. इतना ही नहीं, सरकार के पीडब्ल्यूडी में करीब 250 ऐसे सीनियर इंजीनियर कार्यरत हैं, जिनकी सेवा 30 से 34 साल हो गयी है, फिर भी निजी क्षेत्र की (कंसल्टेंट) को अभियंता प्रमुख बनाने की तैयारी हो रही है. खबर है कि इसके लिए विज्ञापन निकालने की तैयारी भी चल रही है.
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गैर सरकारी क्षेत्र से पांच साल पहले लायी गयी थीं अंजना देवी, अब अभियंता प्रमुख बनाने की तैयारी
रांची: ग्रामीण कार्य विभाग में संविदा पर कार्यरत पी अंजना देवी को जेएसआरआरडीए (झारखंड स्टेट रूरल रोड डेवलपमेंट अथोरिटी) का अभियंता प्रमुख बनाने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए संचिका बढ़ायी जा रही है. फिलहाल अंजना देवी विभाग में परामर्शी (कंसल्टेंट) के रूप में कार्यरत हैं. पहले भी वह विभाग में संविदा पर मुख्य […]
रांची: ग्रामीण कार्य विभाग में संविदा पर कार्यरत पी अंजना देवी को जेएसआरआरडीए (झारखंड स्टेट रूरल रोड डेवलपमेंट अथोरिटी) का अभियंता प्रमुख बनाने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए संचिका बढ़ायी जा रही है. फिलहाल अंजना देवी विभाग में परामर्शी (कंसल्टेंट) के रूप में कार्यरत हैं. पहले भी वह विभाग में संविदा पर मुख्य अभियंता बनायी गयी थीं, लेकिन तत्कालीन मंत्री की प्रतिकूल टिप्पणी के बाद उन्हें इस पद से हटना पड़ा.
अभियंता प्रमुख का अधिकार बड़ा है: अभियंता प्रमुख विभाग का सर्वोच्च तकनीकी पद तो होता ही है, प्रशासनिक अधिकार भी उसके पास होता है. उसे विशेष सचिव सह अपर आयुक्त का दरजा भी मिलता है. 2.5 करोड़ रुपये से ऊपर की यानी सारे बड़े टेंडर के निष्पादन कमेटी का वह अध्यक्ष होता है. कनीय अभियंताओं का नियंत्री पदाधिकारी भी होता है.
मंत्री की प्रतिकूल टिप्पणी पर हटना पड़ा था पद से
अंजना देवी को जनवरी 2010 में एक साल के लिए जेएसआरआरडीए का मुख्य अभियंता बनाया गया था. एक साल बाद जब उनकी अवधि विस्तार की संचिका तत्कालीन विभागीय मंत्री (उप-मुख्यमंत्री) सुदेश महतो के पास गयी, तो उन्होंने प्रतिकूल टिप्पणी की. कई सवाल भी विभाग से पूछे. उन्होंने लिखा कि मुख्य अभियंता पद के लिए निजी क्षेत्र के अभ्यर्थियों को भी योग्य माना गया, जो कि प्रशासी पद वर्ग समिति द्वारा स्वीकृत मापदंडों के प्रतिकूल है. मुख्य अभियंता का चयन भारतीय अभियंत्रण सेवा/राज्य अभियंत्रण सेवा/केंद्रीय अथवा राज्य सरकार के उपक्रम में कार्यरत कर्मियों से किया जाना है, पर अंजना देवी के अभ्यावेदन से ऐसा आभास होता है कि आवेदन की तिथि में वे उपयुक्त श्रेणी के उपक्रमों में नियमित कर्मी के रूप में कार्यरत नहीं थीं, तो फिर इनका चयन क्या नियमानुकूल माना जायेगा? इस पर विभाग ने अपना विस्तृत जवाब दिया. साथ ही नियुक्ति को सही बताते हुए उन्हें अवधि विस्तार देने के लिए लिखा. पर, मंत्री विभाग के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए. उन्होंने पुन: टिप्पणी की : अंजना देवी उपरोक्त किसी भी श्रेणी (कार्यरत) में नहीं आती हैं. मेकन से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले लिये जाने के कारण उन्हें केंद्रीय सरकार के उपक्रम में कार्यरत श्रेणी का कर्मचारी नहीं माना जा सकता है. मुख्य अभियंता के पद पर आवेदन देने के वक्त अंजना देवी राज्य सरकार के पर्यटन विभाग में अल्पकालीन संविदा के आधार पर कार्यरत थीं. अल्पकालीन संविदा के आधार पर सरकार के किसी भी विभाग में कार्यरत किसी व्यक्ति को उपरोक्त तीन श्रेणियों में से किसी भी श्रेणी में कार्यरत कर्मी नहीं माना जा सकता है. स्पष्ट है कि अंजना इन शत्तरे को पूरा नहीं करती हैं. अत: उन्हें अवधि विस्तार देना उचित नहीं होगा. उप मुख्यमंत्री ने विभाग में कार्यरत किसी दक्ष इंजीनियर को मुख्य अभियंता बनाने के लिए प्रस्ताव मांगा, तब विभाग के ही इंजीनियर सुबोध प्रसाद बैठा को मुख्य अभियंता बनाया गया था.
कौन हैं अंजना देवी
पी अंजना देवी ने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है. उन्होंने विभिन्न निजी संस्थानों में अपनी सेवा दी है. मेकन में भी कार्यरत रहीं. वह आश्रिता इंजीनियरिंग सर्विसेज की प्रोपराइटर भी हैं. राज्य सरकार के पर्यटन विभाग में कुछ समय के लिए वह अल्पकालीन संविदा पर रहीं, फिर जेएसआरआरडीए में मुख्य अभियंता के पद पर एक साल तक संविदा पर रहीं. फिलहाल संविदा पर कंसल्टेंट के रूप में काम कर रही हैं.
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