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हाइटेंशन इंसुलेटर फैक्टरी का ताला खुला, अफसर हैरान नहीं था कोई सामान, सिर्फ खंडहर ही बचा
नामकुम: सालों से बंद पड़ी हाइटेंशन इंसुलेटर फैक्टरी व टाटीसिलवे स्थित इइएफ फैक्टरी को खोले जाने के आदेश के बाद गुरुवार को हाइटेंशन इंसुलेटर फैक्टरी का ताला खोला गया़. वर्ष 2012 में बिजली विभाग की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण फैक्टरी को सील कर दिया गया था. जब गुरुवार को ताला खोला गया, […]
नामकुम: सालों से बंद पड़ी हाइटेंशन इंसुलेटर फैक्टरी व टाटीसिलवे स्थित इइएफ फैक्टरी को खोले जाने के आदेश के बाद गुरुवार को हाइटेंशन इंसुलेटर फैक्टरी का ताला खोला गया़. वर्ष 2012 में बिजली विभाग की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण फैक्टरी को सील कर दिया गया था.
जब गुरुवार को ताला खोला गया, तो वहां एक भी सामान नहीं था. सिर्फ दीवार, छत व फरनेस की पाइप को छोड़ फैक्टरी व कार्यालय में कुछ भी नहीं बचा है. खिड़की, दरवाजे व फर्नीचर गायब थे. जरूरी कागजात जला दिये गये थे. ताला खुलने की खबर मिलने के बाद जीएम व अन्य कर्मी जब वहां पहुंचे, तो अंदर का नजारा देख हैरान रह गये. जीएम जयकांत शाह ने कहा: जब किसी संपत्ति को सील किया गया है, तो उसे उसी स्थिति में वापस करना प्रशासन की जिम्मेवारी है़ अब फैक्टरी इस नुकसान की भरपायी के लिए हाइकोर्ट की शरण लेगी. जीएम ने कहा कि ऐसी फैक्टरी की स्थापना में कम से कम 200 करोड़ की लागत आयेगी, जबकि प्रशासनिक व बिजली विभाग की लापरवाही के कारण यह खंडहर में तब्दील हो चुकी है़. इइएफ फैक्टरी सात मार्च को खोली जायेगी. बिजली विभाग के अधिकारियों ने कहा कि हमने फैक्टरी को सील करने के बाद जिम्मेवारी प्रशासन को सौंप दी थी. यहां जो कुछ हुआ है, उसके लिए विभाग दोषी नहीं है़
हाइटेंशन व इइएफ पर 33 करोड़ बकाया
हाइटेंशन इंसुलेटर फैक्टरी व इइएफ की खस्ताहाल के कारण कर्मचारी संगठन की ओर से प्रबंधन के विरूद्घ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. इसके बाद कोर्ट ने प्रबंधन को अचल संपत्ति की बिक्री या लीज कर कर्मचारियों के वेतन मद के 75 करोड़ रुपये कोर्ट में जमा करने का आदेश दिया था़
इधर, बिजली विभाग द्वारा हाइटेंशन इंसुलेटर फैक्टरी के पास बिजली बिल के तकरीबन 21 करोड़ व इइएफ के पास तकरीबन 12 करोड़ रुपये के बकाये की वसूली के लिए फैक्टरी को सील करने का आदेश दिया गया. प्रबंधन का कहना है कि हाइटेंशन इंसुलेटर फैक्टरी का बिजली विभाग पर 250 करोड़ रुपये बकाया है. कोर्ट ने प्रबंधन को बिजली बिल की अदायगी के लिए 15 एकड़ जमीन बेच कर राशि जमा करने का आदेश दिया है. इसके लिए एक माह के अंदर जमीन का मूल्यांकन कर कोर्ट में प्रतिवेदन समर्पित किया जायेगा.
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