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मुख्यमंत्री ने आयुक्तों के साथ की बैठक, दिया निर्देश योजनाओं की निगरानी करें

रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने प्रमंडलीय आयुक्तों को जिलों की योजनाओं की नियमित ा5्र ृनिगरानी करने का निर्देश दिया है. वह बुधवार को प्रोजेक्ट भवन में प्रमंडलीय आयुक्तों के साथ बैठक कर रहे थे. उन्होंने कहा कि आयुक्त कार्य नहीं करनेवाले पदाधिकारियों के विरुद्ध रिपोर्ट दें, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. सीएम ने कहा कि जनता […]

रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने प्रमंडलीय आयुक्तों को जिलों की योजनाओं की नियमित ा5्र ृनिगरानी करने का निर्देश दिया है. वह बुधवार को प्रोजेक्ट भवन में प्रमंडलीय आयुक्तों के साथ बैठक कर रहे थे. उन्होंने कहा कि आयुक्त कार्य नहीं करनेवाले पदाधिकारियों के विरुद्ध रिपोर्ट दें, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.
सीएम ने कहा कि जनता दरबार में अधिकतर मामले भूमि विवाद से संबंधित होते हैं. यदि भूमि विवाद के निबटारे के लिए अलग से कोर्ट की व्यवस्था करने की आवश्यकता हो तो इसे सुनिश्चित करें. हलका, अमीन, पंचायत सेवक के खाली पदों की सूची बनाएं एवं शीघ्र रिक्तियों को भरने की कार्रवाई करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता को राज्य सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाएं एवं सेवाएं ससमय उपलब्ध कराएं. उन्होंने कहा कि प्रशासनिक व्यवस्था में आयुक्त का महत्वपूर्ण स्थान है.

प्रमंडल को मिनी सचिवालय माना जाता है. आयुक्तों में पूर्ण शक्ति सन्निहित है, इसका उपयोग करें. दक्षिणी छोटानागपुर के प्रमंडलीय आयुक्त केके खंडेलवाल के नेतृत्व में सभी आयुक्त वर्तमान में प्रशासनिक, राजस्व एवं वित्तीय शक्ति का विश्‍लेषण करें एवं सुदृढ़ प्रशासनिक व्यवस्था के लिए यदि आवश्यक हो तो सुझाव दें, सरकार इस पर शीघ्र कार्रवाई करेगी. सीएम ने प्रमंडलीय कार्यालय को और अधिक सुदृढ़, शक्तिशाली एवं उत्तरदायी बनाने की बात कही. उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर भी उपायुक्त एवं डीडीसी के कार्यो को भी अलग-अलग स्पष्ट किया जाये. बैठक में सीएम के प्रधान सचिव संजय कुमार, वित्त विभाग की प्रधान सचिव राजबाला वर्मा,आइटी विभाग के प्रधान सचिव एनएन सिन्हा, कार्मिक विभाग के प्रधान सचिव एसके सत्पथी तथा राज्य के सभी प्रमंडलीय आयुक्त भी उपस्थित थे.

भ्रष्टाचार बरदाश्त नहीं
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर हो, उसे बरदाश्त नहीं किया जायेगा. आयुक्त द्वारा किसी भी पदाधिकारी, कर्मी, अभियंता अथवा अन्य के विरुद्ध सूचना संबंधित विभाग एवं मुख्यमंत्री सचिवालय को भी दी जाये. सूचना प्राप्त होने पर 24 घंटे के अंदर कार्रवाई सुनिश्चित करने का उन्होंने निर्देश दिया. सीएम ने कहा कि प्रशासन में सूचना तकनीक का जितना अधिक उपयोग होगा, भ्रष्टाचारमुक्त प्रशासन देना उतना ही आसान होगा. एसी एवं डीसी बिल के संबंध में विमर्श के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य गठन के बाद से अब तक एसी एवं डीसी बिल की स्थिति स्पष्ट करने के लिए वर्ष वार सूची तैयार की जाये. इसमें सांसद एवं विधायक फंड के तहत कार्य के लिए निकासी की गई राशि भी सम्मिलित हो. सूची सीएम सचिवालय को भी दी जाये. राशि की निकासी के उपरांत कार्य नहीं किये जाने की स्थिति में दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाये.

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