रांची : राज्य में गड़बड़ी करनेवाले आइएएस अफसरों पर सरकार कार्रवाई नहीं करती है. सीबीआइ के गिरफ्त में आये कुछ अफसर राज्य में वर्षों से चली आ रही इस परंपरा के अपवाद है.
राज्य के एक अफसर ने सरकारी पैसों से सामान खरीद कर उसे गायब कर दिया. हंगामा होने के बाद सरकार ने महालेखाकार से विशेष अंकेक्षण कराने का आदेश दिया. पर, तबादले के वक्त जनाब सारे दस्तावेज लेकर गायब हो गये. जांच में पैसों की गड़बड़ी का मामला प्रमाणित हुआ. पर, तत्कालीन निगरानी आयुक्त ने प्राथमिकी दर्ज करने के बदले संबंधित आइएएस अफसर से पैसों की वसूली करने का आदेश दिया. लेकिन, उसी निगरानी आयुक्त ने कम राशि की गड़बड़ी करनेवाले छोटे अफसरों और कर्मचारियों पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया.
मनरेगा की गड़बड़ी की जांच में एक आइएएस अधिकारी पर गंभीर आरोप लगे. जांच में यह पाया गया कि उसने पांच करोड़ रुपये में चार ही पौधे लगाये थे. इस गड़बड़ी में शामिल अफसरों पर जब कार्रवाई की बात हुई, तो तत्कालीन मंत्री ने आइएएस अफसर को छोड़ कर शेष छोटे अफसरों पर प्राथमिकी दर्ज करा दी.
मनरेगा में ही राजधानी से सटे जिले के उपायुक्त पर गड़बड़ी करने के आरोप लगे. अफसर पर विभागीय कार्रवाई का फैसला किया गया. मगर उसका आदेश भी जारी नहीं हो सका.
एक वरीय आइएएस अफसर पर दर्जन भर से ज्यादा महिला अधिकारियों और कर्मचारियों ने छेड़छाड़ का लिखित आरोप लगाया है.एक आइपीएस अफसर पर तो विदेश में परफ्यूम चोरी करने तक का आरोप लगा.