नयी दिल्ली. पेट्रोलियम मंत्रालय लीक मामले में एक प्रमुख आरोपी को कथित तौर पर फर्जी पहचान पत्र मुहैया कराने के आरोप में रक्षा मंत्रालय में काम करनेवाले एक अस्थायी कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया है. वहीं, पुलिस ने कहा है कि रक्षा मंत्रालय से कोई भी संवेदनशील दस्तावेज लीक या चोरी नहीं हुआ है. इसके साथ ही, पेट्रोलियम मंत्रालय में कॉरपोरेट जासूसी के संबंध में 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि कोयला और बिजली मंत्रालय से गोपनीय दस्तावेज लीक करने के आरोप में सोमवारको एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में सात लोगों को हिरासत में भी लिया गया है. पुलिस के मुताबिक रक्षा मंत्रालय में अस्थायी कर्मचारी वीरेंद्र कुमार ने लालता प्रसाद को एक फर्जी पहचान पत्र और आधिकारिक लेटरहेड के साथ एक कागज भी दिया था. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, राम कुमार चौबे ने अपने वाहनों के लिए फर्जी अनुमति लेने में इस दस्तावेज का इस्तेमाल किया था और उसने ऐसे दिखाया था जैसे कि भारत सरकार ने वाहन किराये पर लिया है. लालता प्रसाद और राम कुमार चौबे को मामले में सबसे पहले तब गिरफ्तार किया गया था जब अपराध शाखा ने 19 फरवरी को मामले का खुलासा किया था.
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जासूसी मामला : रक्षा मंत्रालय का कर्मचारी गिरफ्तार
नयी दिल्ली. पेट्रोलियम मंत्रालय लीक मामले में एक प्रमुख आरोपी को कथित तौर पर फर्जी पहचान पत्र मुहैया कराने के आरोप में रक्षा मंत्रालय में काम करनेवाले एक अस्थायी कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया है. वहीं, पुलिस ने कहा है कि रक्षा मंत्रालय से कोई भी संवेदनशील दस्तावेज लीक या चोरी नहीं हुआ है. इसके […]
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