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सरकारी कंपनियों को आवंटन से मिलेंगे कोल ब्लॉक

केंद्रीय कोयला सचिव अनिल स्वरूप ने मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव से मुलाकात की, प्रेसवार्ता में कहा रांची : केंद्रीय कोयला सचिव अनिल स्वरूप ने कहा राज्य सरकार या केंद्र सरकार की कंपनियों को आवंटन के आधार पर कोल ब्लॉक दिया जायेगा. इसके लिए सरकारी कंपनियों को नीलामी में शामिल होने की जरूरत है. सरकारी कंपनियां […]

केंद्रीय कोयला सचिव अनिल स्वरूप ने मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव से मुलाकात की, प्रेसवार्ता में कहा
रांची : केंद्रीय कोयला सचिव अनिल स्वरूप ने कहा राज्य सरकार या केंद्र सरकार की कंपनियों को आवंटन के आधार पर कोल ब्लॉक दिया जायेगा. इसके लिए सरकारी कंपनियों को नीलामी में शामिल होने की जरूरत है.
सरकारी कंपनियां 28 फरवरी तक आवेदन कर सकती हैं. पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री स्वरूप ने कहा कि राज्य के मुख्य सचिव से अनुरोध किया गया है कि यहां की कंपनियों को इस प्रक्रिया में शामिल कराया जाये. सरकार ने इसके लिए एक स्क्रीनिंग कमेटी बनायी है. कमेटी की अनुशंसा के आधार पर कोल ब्लॉक का आवंटन किया जायेगा.
मार्च 2016 से पहले हो जायेगा ऑक्शन
श्री स्वरूप ने कहा कि मार्च 2016 से पहले सभी 204 कोल ब्लॉकों का ऑक्शन हो जायेगा. पहले चरण में 18 कोल ब्लॉक का आवंटन हुआ है. नीलामी से एक लाख नौ हजार करोड़ रुपये 30 साल में मिलने की उम्मीद है. इसके अतिरिक्त 12 से 15 हजार करोड़ रुपये रॉयल्टी के रूप में राज्यों को मिलेंगे. पूरी राशि राज्यों के विकास पर खर्च किये जायेंगे. 18 में से दो कोल ब्लॉक झारखंड के हैं. झारखंड को दोनों कोल ब्लॉक की नीलामी से झारखंड को 30 साल में 14 हजार करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है.
पीआरपी का भुगतान जल्द
श्री स्वरूप ने कहा कि अधिकारियों को जल्द ही परफॉरमेंट रिलेटेड पे (पीआरपी ) का भुगतान किया जायेगा. इस दिशा में कार्रवाई अंतिम चरण में है.
समस्या दूर करने का आश्वासन मिला
श्री स्वरूप ने कहा कि सोमवार को राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास, मुख्य सचिव राजीव गौबा व अन्य अधिकारियों से मुलाकात की. इसमें सीसीएल की समस्या पर चर्चा हुई. सीसीएल की 30 से 35 परियोजनाएं सरकार के स्तर पर कोई ना कोई मामले को लेकर लंबित है. इसमें भूमि अधिग्रहण, पर्यावरण क्लीयरेंस, भूमि संबंधी अन्य मामले शामिल हैं. इसे दूर करने के लिए समय सीमा तय की गयी है.
सीसीएल अभी 50 मिलियन टन कोयले का उत्पादन कर रहा है. अगले 2020 तक 200 मिलियन टन उत्पादन करने का लक्ष्य है. इसके लिए नयी खदानों को खुलना जरूरी है. राज्य के अधिकारियों ने आश्वस्त किया है कि तय सीमा के अंदर सभी समस्या दूर कर दी जायेगी. सरकार 2020 तक आयात शून्य करने का लक्ष्य रखा गया है. अभी करीब 200 मिलियन टन कोयला विदेशों से लाया जा रहा है.
बोली लगने से नहीं बढ़ेंगी बिजली की दरें
श्री स्वरूप ने कहा कि कोल ब्लॉक आवंटन में लगने वाली बोली से बिजली की दरें नहीं बढ़ेगी. इसके लिए सरकार ने एक सीलिंग तय की है. कहीं-कहीं तो इसके कम होने की भी उम्मीद है. बिडिंग की दर 100 रुपये कम होने से छह पैसे प्रति यूनिट तक की कमी आ सकती है.
योजनाबद्ध तरीके से करें काम
सीसीएल व बीसीसीएल के अधिकारियों के साथ बैठक की, कहा
रांची : केंद्रीय कोयला सचिव अनिल स्वरूप सोमवार को सीसीएल और बीसीसीएल के अधिकारियों के साथ बैठक की. दरभंगा हाउस परिसर में आयोजित बैठक में श्री स्वरूप ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि योजनाबद्ध तरीके से काम करें. जो भी काम दिया जा रहा है, उसे समयबद्ध तरीके से पूरा करें. उन्होंने कहा कि दूसरे मंत्रलयों से संबद्ध मामलों की जानकारी मंत्रलय को दें.
इस समस्या को दूर करने में मंत्रलय पूरा सहयोग करेगा. सीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह ने कहा कि उत्पादन में 14 फीसदी वृद्धि दर प्राप्त कर ली है. ओवर बर्डन में 64 फीसदी की वृद्धि हुई है. सीवीओ अरविंद प्रसाद ने कंपनी में तकनीकी क्षेत्र में किये जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी.
श्रमश्री सभागार का शिलान्यास
सीसीएल में कोयला सचिव ने श्रमश्री सभागार का शिलान्यास किया. दरभंगा हाउस परिसर में इसका निर्माण किया जायेगा. गांधीनगर अस्पताल परिसर में धनवंतरी कॉम्प्लेक्स का शिलान्साय किया. एक इको पार्क का निर्माण भी कराया जायेगा. इस मौके पर एक सुपर स्पेशियलिटी क्लीनिक का भी उदघाटन किया गया.

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