इटखोरी. गुरुवार 19 फरवरी का दिन इटखोरी वासियों के लिए नया सवेरा लेकर आया. इटखोरी महोत्सव को राजकीय महोत्सव घोषित जाने से लोगों में काफी खुशी व्याप्त है. लोगों के खुशी का ठिकाना नहीं है. लोगों ने कल्पना भी नहीं किया था कि देखते ही देखते इटखोरी इस मुकाम तक पहुंच जायेगा. लोगों के लिए यह पल दीवाली से कम नहीं है. क्या है इटखोरी में : इटखोरी में बौद्ध, हिंदू व जैन धर्मों के प्राचीन कालीन अवशेष हैं. बौद्ध धर्म का सैकड़ों प्रतिमा, मानौती स्तूप, भगवान बुद्ध की अलग-अलग मुद्रा में प्रतिमा है. हिंदू धर्म का मां भद्रकाली की प्रतिमा, नंदी, सहस्त्र शिवलिंगम, गौरी की प्रतिमा है. वहीं जैन धर्म के 10वें तीर्थ कर भगवान शितलनाथ का चरण पादुका मौजूद तथा भगवान महावीर की प्रतिमाएं है. क्या लाभ होगा पर्यटन स्थल व बौद्ध सर्किट से जुड़ने पर क्षेत्र का चहुंमुखी विकास होगा. विदेशी पर्यटकों का आगमन होगा. रोजगार का अवसर बढ़ेगा. विदेशी मुद्राएं आयेगी. झारखंड को पर्यटन के रूप में पहचान मिलेगी. आज का कार्यक्रम इटखोरी महोत्सव के दूसरे दिन 20 फरवरी शुक्रवार को निर्गुण गायक भरत शर्मा द्वारा गीत प्रस्तुत किया जायेगा. कोलकाता के सांस्कृतिक केंद्र बिहू नृत्य प्रस्तुत करेंगे.
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राजकीय महोत्सव घोषित, हर्ष
इटखोरी. गुरुवार 19 फरवरी का दिन इटखोरी वासियों के लिए नया सवेरा लेकर आया. इटखोरी महोत्सव को राजकीय महोत्सव घोषित जाने से लोगों में काफी खुशी व्याप्त है. लोगों के खुशी का ठिकाना नहीं है. लोगों ने कल्पना भी नहीं किया था कि देखते ही देखते इटखोरी इस मुकाम तक पहुंच जायेगा. लोगों के लिए […]
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