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यूनिक कोड से जुड़ेंगे सरकारी स्कूल के बच्चे

योजना : बच्चों की संख्या में फर्जीवाड़ा पर लगेगी रोक रांची : सरकारी विद्यालयों की उपस्थिति पंजी से फर्जी बच्चों का नाम हटाया जायेगा. इसके लिए मानव संसाधन विकास विभाग ने कार्य योजना तैयार की है. शिक्षा सचिव ने इस संबंध में सभी जिलों के उपायुक्त को पत्र लिखा है. उपस्थिति पंजी से फर्जी बच्चों […]

योजना : बच्चों की संख्या में फर्जीवाड़ा पर लगेगी रोक
रांची : सरकारी विद्यालयों की उपस्थिति पंजी से फर्जी बच्चों का नाम हटाया जायेगा. इसके लिए मानव संसाधन विकास विभाग ने कार्य योजना तैयार की है. शिक्षा सचिव ने इस संबंध में सभी जिलों के उपायुक्त को पत्र लिखा है. उपस्थिति पंजी से फर्जी बच्चों का नाम हटाने के लिए कक्षा एक से आठ तक में नामांकित सभी बच्चों को यूनिक आइडेंटिफिकेशन कोड से जोड़ा जायेगा.
विद्यालय में नामांकित बच्चों को परिचय पत्र भी जारी किया जायेगा. जिसमें बच्चे का फोटो सहित माता-पिता का नाम व पता दर्ज होगा. सभी प्राथमिक व मध्य विद्यालय के पोषक क्षेत्र का निर्धारण किया जायेगा. विद्यालय अपने पोषक क्षेत्र में रहनेवाले बच्चे का ही नामांकन लेंगे. एक विद्यालय दूसरे विद्यालय के पोषक क्षेत्र के बच्चों का नामांकन नहीं लेंगे. यूनिक आइडेंटिफिकेशन कोड जारी होने के बाद वैसे बच्चे जो एक से अधिक विद्यालय में नामांकित हैं, वे चिह्न्ति हो जायेंगे.
वैसे बच्चों का नाम उपस्थिति पंजी से हटा दिया जायेगा. बच्चों के नामांकन जांच प्रक्रिया की निगरानी की जिम्मेदारी संबंधित प्रखंड के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी व जिलों के जिला शिक्षा अधीक्षक की होगी. सभी जिलों के उपायुक्त को इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई शुरू करने को कहा गया है.
फिर से मांगी बच्चों की संख्या
शैक्षणिक सत्र 2015-16 में किताब छपाई के लिए बच्चों की संख्या के बारे में फिर से रिपोर्ट देने को कहा गया है. जिलों से पूर्व में भेजी गयी रिपोर्ट के आधार पर 45 लाख बच्चों को किताब देने का लक्ष्य रखा गया है. किताब के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है. सरकारी स्कूलों में पढ़नेवाले 35 लाख बच्चों को वर्तमान में मध्याह्न् भोजन दिया जा रहा है, जबकि 45 लाख बच्चों को किताब देने के लिए टेंडर किया गया है. झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक ने सभी जिलों से फिर से बच्चों की संख्या की समीक्षा कर रिपोर्ट देने को कहा है.
क्यों लिया गया निर्णय
सर्व शिक्षा अभियान के तहत राज्य में कक्षा एक से आठ तक में पढ़नेवाले विद्यार्थियों के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है. जिसके तहत बच्चे को नि:शुल्क किताब, पोशाक, छात्रवृत्ति, मध्याह्न् भोजन दिया जाता है. अलग-अलग योजनाओं में लाभुक बच्चों की संख्या में काफी अंतर रहता है. वर्ष 2009-10 में कुल 64,26,504 सेट किताब छपवायी गयी थी, जबकि वर्ष 2009-10 में मध्याह्न् भोजन खानेवाले बच्चों की संख्या 33,48,645 थी. वर्ष 2013-14 में 35 लाख बच्चों को मध्याह्न् भोजन दिया गया, जबकि 55 लाख बच्चों को किताब बांटी गयी.

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