एजेंसियां, संयुक्त राष्ट्रभारत ने विशेष संयुक्त राष्ट्र समिति से कहा है कि शांतिरक्षण अभियान अपने बल पर टिका कोई उद्यम नहीं बनना चाहिए, जहां सुरक्षा परिषद नियमित रूप से अपना आदेश सुनाती रहे. विश्व निकाय में भारत के स्थायी प्रतिनिधि अशोक कुमार मुखर्जी ने संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षण अभियान विशेष समिति (सी34) की विशेष चर्चा में मंगलवार को कहा कि संघर्ष के जिस परिप्रेक्ष्य में शांति रक्षकों को तैनात किया जाता है, वे अतीत से बिल्कुल अलग हैं.भारतीय राजनयिक ने कहा कि 2014 से संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षण अभियानों से संबंधित हालात ‘बिगड़े’ ही हैं. मुखर्जी ने कहा कि कांगो, दक्षिण सूडान और गोलान मेें शांतिरक्षण अभियान में शांतिरक्षकों पर हमला करनेवालों को न्याय के कठघरे में लाने की दिशा में सुरक्षा परिषद के नेतृत्व में संयुक्त राष्टर की ओर से कोई ‘विशिष्ट ठोस कार्रवाई’ नहीं की गयी है. उन्होंने कहा कि कार्रवाई की कमी सुरक्षा परिषद की कमजोरी जताती है.ज्ञात हो कि भारत शांतिरक्षण अभियानों के लिए सैनिकों का सबसे ज्यादा योगदान करता है. यह 15 सक्रिय शांतिरक्षण अभियानों में से 11 में सक्रिय भागीदारी निभा रहा है.
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शांतिरक्षण कोई उद्यम नहीं बनना चाहिए : भारत
एजेंसियां, संयुक्त राष्ट्रभारत ने विशेष संयुक्त राष्ट्र समिति से कहा है कि शांतिरक्षण अभियान अपने बल पर टिका कोई उद्यम नहीं बनना चाहिए, जहां सुरक्षा परिषद नियमित रूप से अपना आदेश सुनाती रहे. विश्व निकाय में भारत के स्थायी प्रतिनिधि अशोक कुमार मुखर्जी ने संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षण अभियान विशेष समिति (सी34) की विशेष चर्चा में […]
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