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ई-गवर्नेस को धरातल पर उतारेंगे: रघुवर दास
रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि राज्य सरकार ई-गवर्नेस के सभी कार्यक्रमों को धरातल पर उतारेगी. जन सुविधाओं से जुड़ी योजनाओं को सूचना तकनीक के माध्यम से जोड़ा जायेगा और योजनाओं में पारदर्शिता लायी जायेगी. मुख्यमंत्री मंगलवार को श्रीकृष्ण लोक सेवा संस्थान में आयोजित ई-गवर्नेस एंड रिफॉर्म कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. […]
रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि राज्य सरकार ई-गवर्नेस के सभी कार्यक्रमों को धरातल पर उतारेगी. जन सुविधाओं से जुड़ी योजनाओं को सूचना तकनीक के माध्यम से जोड़ा जायेगा और योजनाओं में पारदर्शिता लायी जायेगी. मुख्यमंत्री मंगलवार को श्रीकृष्ण लोक सेवा संस्थान में आयोजित ई-गवर्नेस एंड रिफॉर्म कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के डिजिटल इंडिया प्लान के तहत झारखंड सरकार भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी. एक समय सीमा के तहत जन वितरण प्रणाली, मनरेगा, चेकपोस्ट के कंप्यूटरीकरण, मध्याह्न् भोजन, सामाजिक सुरक्षा योजनाएं और अन्य को आइटी प्लैटफॉर्म पर लाकर लोगों को बेहतर सुविधाएं दी जायेंगी. उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में ई-गवर्नेस कार्यक्रमों को लागू करने के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित करने का निर्देश भी दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यक्रमों की मॉनीटरिंग वे खुद करेंगे. मौके पर नगर विकास मंत्री सीपी सिंह भी मौजूद थे.
कार्यक्रमों का कंप्यूटरीकरण जरूरी
केंद्रीय आइटी सचिव आरएस शर्मा ने कहा कि झारखंड में भूमि सुधार के सभी कार्यक्रमों को कंप्यूटरीकृत करना जरूरी है. चाहे वह अंचलों का कंप्यूटरीकरण हो, अथवा निबंधन की प्रक्रिया या दाखिल खारिज का कार्यक्रम. इन सभी योजनाओं को कंप्यूटरीकृत कर देने से एक ही क्लिक पर आम लोगों को उनकी जमीन की मिल्कियत की वस्तुस्थिति की जानकारी मिल पायेगी.
राज्य के शासन तंत्र में ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार : सीपी सिंह
राज्य के नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा है कि राज्य के शासन तंत्र में ऊपर से लेकर नीचे तक भ्रष्टाचार व्याप्त है. इसमें अधिकारी से लेकर चपरासी तक शामिल हैं. राज्य की जनता जिन्हें चुन कर भेजती है, वे जनता की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर पाते हैं. ऐसा प्रशासनिक व्यवस्था के फेल होने की वजह से हो रहा है. कार्यशाला को संबोधित करते हुए श्री सिंह ने कहा कि आइटी में ऐसी तकनीक विकसित होनी चाहिए, जिससे भ्रष्टाचार रुक सके. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और घूसखोरी की वजह से योजनाएं पारदर्शी तरीके से पूरी नहीं हो पा रही हैं. सरकारी कार्यो को और अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की आवश्यकता है. इसके लिए प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को सकारात्मक पहल करनी होगी, पॉजिटिव सोंच के साथ कार्य करने की कोशिश करनी होगी. उन्होंने कहा कि वैश्विक क्रांति के युग में सूचना तकनीक की महत्वपूर्ण भूमिका है. राज्य सरकार चाहती है कि अधिकारी बेहतर कार्य करें, तभी राज्य की जनता की अपेक्षाएं पूरी हो पायेंगी. उन्होंने प्रशासनिक तंत्र की विफलता पर कई सवाल खड़े किये और इस पर रोक लगाने की बातें कहीं.
छात्रवृत्ति योजना पूरी तरह ऑनलाइन हो : आरएस शर्मा
आरएस शर्मा ने छात्रवृत्ति योजना को पूरी तरह ऑनलाइन करने का सुझाव दिया. फिलहाल पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति ही ऑनलाइन है. प्री मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना को ऑनलाइन करते हुए इन्हें बायोमेट्रिक सिस्टम से जोड़ने का आग्रह भी किया गया. उन्होंने राजस्व बढ़ाने के लिए सभी स्थानीय निकायों के एकाउंटिंग सिस्टम और अन्य योजनाओं को ऑनलाइन करने की सलाह दी. श्री शर्मा ने कहा कि वाणिज्य कर उत्पाद विभाग के ऑनलाइन होने का असर राजस्व उगाही पर भी पड़ेगा. मल्टीपल चेकपोस्ट के ऑनलाइन होने से वाहनों के झारखंड में प्रवेश करने (इंट्री प्वाइंट) पर उसकी सभी जानकारी हासिल की जा सकती है. झारखंड में सिर्फ दो चेकपोस्ट ही ऑनलाइन हुए हैं. शेष सात पर काम चल रहा है.
जीआइएस आधारित सेटेलाइट मैपिंग की जरूरत : गौबा
मुख्य सचिव राजीव गौबा ने कहा कि व्यापक पैमाने पर कंप्यूटरीकरण के लिए जीआइएस आधारित सेटेलाइट मैपिंग की जरूरत होगी. इससे किसी भी तरह के कार्य को क्रियान्वित करने में आसानी होगी. साथ ही योजनाओं की ट्रैकिंग भी सुविधाजनक होगी. उन्होंने जन वितरण प्रणाली के दुकानों को भी शत प्रतिशत बायोमेट्रिक आधारित बनाने की बातें कहीं. कार्यक्रम में मुख्य सचिव ने सभी सचिवों को एक तय समय-सीमा के अंदर ई-गवर्नेस कार्यक्रमों को लागू करने का आदेश दिया. उन्होंने विभागीय सचिवों से आइटी के बढ़ते प्रयोग पर मानव संसाधन को प्रशिक्षित करने की बातें भी कहीं.
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