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राज्य में दोगुनी गति से दर्ज हो रहे मानव तस्करी के मामले
रांची: झारखंड में 2013 की अपेक्षा 2015 में मानव तस्करी (ह्यूमन ट्रैफिकिंग) से जुड़े दर्ज मामलों में करीब 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार वर्ष 2013 में झारखंड के सभी जिलों में मानव तस्करी से संबंधित 96 मामले दर्ज किये गये थे, जबकि वर्ष 2014 में यह आंकड़ा 147 हो गया. […]
रांची: झारखंड में 2013 की अपेक्षा 2015 में मानव तस्करी (ह्यूमन ट्रैफिकिंग) से जुड़े दर्ज मामलों में करीब 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार वर्ष 2013 में झारखंड के सभी जिलों में मानव तस्करी से संबंधित 96 मामले दर्ज किये गये थे, जबकि वर्ष 2014 में यह आंकड़ा 147 हो गया. इस दौरान गुमला जिला में सबसे अधिक 42 मामले दर्ज किये गये. वहीं खूंटी में 23 मामले दर्ज हुए.
आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि वर्ष 2014 में मानव तस्करी के मामले में गुमला पहले स्थान पर रहा, जबकि खूंटी दूसरे और रांची तीसरे स्थान पर रहा. आंकड़ों से चौकाने वाली तथ्य यह है कि राज्य में मानव तस्करी से जुड़े मामले में वर्षवार वृद्धि हो रही है. झारखंड में जहां सभी जिलों को मिला कर वर्ष 2004 में सिर्फ दो मामले दर्ज किये गये थे. वहीं यह आंकड़ा वर्ष 2012 में 83, वर्ष 2013 में 96 और 2014 में 147 पहुंच गया.
बोकारो में एक भी मामला नहीं
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार बोकारो जिला में अब तक मानव तस्करी से जुड़ा एक भी मामला सामने नहीं आया है. रिकॉर्ड के अनुसार 2004 से लेकर 2014 तक बोकारो जिला में एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ है. आंकड़ों से स्पष्ट है कि बोकारो में या तो अब तक मानव तस्करी की कोई घटना नहीं हुई होगी या किसी ने घटना के संबंध में केस दर्ज नहीं कराया होगा.
जागरूकता बढ़ने के कारण बढ़ी संख्या
झारखंड में पहले से मानव तस्करी होती है. लेकिन पहले मामले को लेकर रिपोर्ट दर्ज नहीं करायी जाती थी. वर्ष 2004 के आंकड़ों को देखने से यह स्पष्ट है कि रांची में सिर्फ मानव तस्करी से जुड़े दो मामले दर्ज किये गये थे. इस दौरान किसी जिला में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया था, लेकिन जैसे-जैसे लोगों में जागरूकता बढ़ती जा रही है. स्वयं सेवी संस्थाओं और पुलिस की सक्रियता बढ़ती जा रही है. उसके साथ ही केस दर्ज कराने की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है.
केस स्टडी
वर्ष 1992 में गुमला के पालकोट की एक युवती को दिल्ली में बेच दिया गया था. उसे गुमला पुलिस ने फरवरी, 2015 में 23 साल के बाद मुक्त कराया. मुक्त होने के बाद युवती ने पुलिस को बताया था कि उसे एक घर में बंधक बना कर रखा जाता था. काम कराने के एवज में मजदूरी भी नहीं दी जाती थी.
आंकड़ों की नजर में राज्य के जिलों में ट्रैफिकिंग की स्थिति
वर्ष 2004 2005 2006 2007 2008 2009 2010 2011 2012 2013 2014
रांची 02 01 02 02 05 09 11 14 22 10 16
लोहरदगा 00 00 00 00 00 00 01 01 01 06 09
गुमला 00 01 02 02 01 09 03 08 13 20 42
सिमडेगा 00 00 02 . 01 00 00 02 11 12 11
खूंटी 00 00 00 00 01 04 01 04 02 13 23
चाईबासा 00 00 00 00 00 00 01 01 01 08 13
सरायकेला 00 00 00 00 00 00 00 00 00 01 02
जमशेदपुर 00 00 00 00 00 00 00 01 03 00 00
पलामू 00 00 00 00 00 00 00 01 03 00 00
गढ़वा 00 00 00 00 00 00 01 01 01 01 00
लातेहार 00 00 00 01 00 00 00 00 03 07 05
हजारीबाग 00 00 00 01 00 00 00 00 00 00 03
कोडरमा 00 00 00 00 00 00 00 00 02 00 01
गिरिडीह 00 00 00 00 00 01 02 02 07 04 01
चतरा 00 00 00 00 00 00 00 00 01 01 00
रामगढ़ 00 00 00 00 00 00 00 01 00 00 00
बोकारो 00 00 00 00 00 00 00 00 00 00 00
धनबाद 00 00 00 00 00 00 00 01 00 01 00
दुमका 00 00 00 00 01 01 00 00 00 01 07
गोड्डा 00 00 00 00 00 00 00 00 01 00 02
साहेबगंज 00 01 01 01 02 00 02 00 06 05 02
पाकुड़ 00 00 00 00 00 00 00 00 00 03 07
देवघर 00 00 00 00 00 00 00 01 00 02 01
जामताड़ा 00 00 00 00 00 00 00 00 01 01 00
रेल धनबाद 00 00 00 03 00 00 00 01 02 03 00
रेल जमशेदपुर 00 00 00 00 00 02 02 06 01 00 01
कुल 02 03 07 10 11 26 25 44 83 96 147
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