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सरल बनायी जायेगी प्रक्रिया

योजनाओं के क्रियान्वयन पर बोले विकास आयुक्त रांची : योजनाओं के क्रियान्वयन में होनेवाले विलंब को कम करने के लिए इससे संबंधित प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया जायेगा. इसका उद्देश्य निर्धारित समय सीमा के अंदर योजनाओं को पूरा करना है. प्रक्रिया को सरल करने के लिए अभी विचार विमर्श किया जा रहा है, ताकि सचिवालय में […]

योजनाओं के क्रियान्वयन पर बोले विकास आयुक्त
रांची : योजनाओं के क्रियान्वयन में होनेवाले विलंब को कम करने के लिए इससे संबंधित प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया जायेगा. इसका उद्देश्य निर्धारित समय सीमा के अंदर योजनाओं को पूरा करना है.
प्रक्रिया को सरल करने के लिए अभी विचार विमर्श किया जा रहा है, ताकि सचिवालय में निहित शक्तियों का विकेंद्रीकरण कर प्रमंडलीय आयुक्त और उपायुक्तों को भी शक्तियां दी जा सकें. राज्य के विकास आयुक्त आरएस पोद्दार ने योजनाओं में क्रियान्वयन में विलंब और उसके निदान के सिलसिले में पूछे गये सवालों का जवाब देते हुए यह बात कही.
योजना राशि निर्धारित समय सीमा में खर्च नहीं होने के कारणों की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि योजनाओं का प्राक्कलन तैयार करने से लेकर टेंडर निबटारे तक की प्रक्रिया काफी लंबी है. योजनाओं के समय पर पूरा नहीं होने के मामलों की समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि किसी योजना को पूरा करने के लिए निर्धारित समय का एक बड़ा हिस्सा उसकी प्रक्रिया को पूरा करने में ही लग जाता है.
इसमें प्राक्कलन तैयार करने, तकनीकी स्वीकृति,कैबिनेट का अनुमोदन, टेंडर प्रकाशित करने और निबटाने की प्रक्रिया शामिल है. देर की एक और वजह निचले स्तर पर प्रक्रियात्मक भूल की वजह से उच्चाधिकारियों द्वारा की जानेवाली आपत्तियां और इन गलतियों को सुधारने में लगनेवाला समय है. इन सभी बातों को देखते हुए अब तक इससे जुड़ी प्रक्रियाओं को कई बार सरल किया जा चुका है.
इसके बावजूद निर्धारित समय में योजनाओं को पूरा करना संभव नहीं हो पा रहा है. इसलिए नये सिरे से सक्षम अधिकारियों को दी गयी शक्तियों को और बढ़ाने की आवश्यक्ता महसूस की जा रही है. इस मुद्दे पर विचार विमर्श किया जा रहा है. इस दौरान इस बात पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है कि नियमों के सरलीकरण के बाद भी वित्तीय अनुशासन बना रहे और संभावित गड़बड़ियों को नियंत्रित किया जा सके.
उपायुक्तों को एक करोड़ रुपये तक और प्रमंडलीय आयुक्तों को पांच करोड़ रुपये की योजनाओं की स्वीकृति का अधिकार दिये जाने का अनुमान है. इससे छोटी-छोटी योजनाओं की स्वीकृति का बोझ सचिवालय पर नहीं पड़ेगा और जिला स्तर पर ही आवश्यक्ता के अनुरूप योजनाओं की स्वीकृति से क्रियान्वयन को पूरा किया जा सकेगा.
फिलहाल सिर्फ ग्रामीण विकास विभाग ने ही उपायुक्तों को विधायक और सांसद योजनाओं की स्वीकृति का अधिकार दे रखा है.
विभागों का नहीं मिल रहा सहयोग
पंचायत चुनाव : राज्य निर्वाचन आयुक्त ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र, कहा
पंचायती राज विभाग में फंसे काम
पंचायत राज अधिनियम एवं पंचायत निर्वाचन नियमावली में सुझाये गये संशोधनों पर कार्रवाई
झारखंड पंचायत नियमावली 2015 को प्रख्यापित करना
जिला पंचायत राज पदाधिकारियों के रिक्त पदों पर पदस्थापन की कार्रवाई करना
प्रखंडों और अंचलों में बीडीओ व सीओ के रिक्त पदों को भरना
प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारियों के रिक्त पदों को भरना
राज्य निर्वाचन आयोग के लिए विभिन्न कोटि के कुल नौ पदों के सृजन के लिए आवश्यक कार्यवाही करना
पंचायत निर्वाचन के दौरान होने वाली दुघर्टनाओं की स्थिति में क्षतिपूर्ति राशि की सीमा में संशोधन करना
पंचायत निर्वाचन में प्रतिनियुक्त कर्मियों को विधानसभा या लोकसभा चुनाव के मुताबिक मानदेय की स्वीकृति
2010 और 2012 में निर्वाचन के दौरान मृत कर्मियों के अनुदान राशि के भुगतान
मामले को निष्पादित करना
नगर विकास विभाग में लंबित काम
निर्वाचन कर्तव्य के दौरान मृत्यु या दुर्घटना की दशा में विधानसभा या लोकसभा चुनाव के समतुल्य भुगतान करना
निर्वाचन कर्तव्य में प्रतिनियुक्त कर्मियों के मानदेय में बढ़ोतरी करना
धनबाद नगर निगम निर्वाचन 2010 के व्यय के लंबित विपत्रों के भुगतान के लिए आवंटन देना
गिरिडीह नगरपालिका निर्वाचन 2013 के व्यय के लंबित विपत्रों के भुगतान के लिए आवंटन उपलब्ध कराना
उपायुक्तों की जिम्मेवारी, जो पूरी नहीं हो रही
मतदान केंद्रों की स्थापना का प्रस्ताव
मतगणना केंद्रों एवं बज्रगृह की स्थापना संबंधी काम
मतदान सामग्रियों की आवश्यक एवं उपलब्धता प्रतिवेदित करना
विधि-व्यवस्था बनाये रखने के लिए सुरक्षा बलों की आवश्यकता प्रतिवेदित करना
निर्वाची पदाधिकारी एवं सहायक निर्वाची पदाधिकारी की नियुक्ति के लिए आवश्यकता एवं उपलब्धता प्रतिवेदित करना
पंचायत निर्वाचन कराने के लिए राशि का आकलन कर बजट प्रस्ताव भेजना

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