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निर्देश के बाद भी नहीं घटाया गया किराया

अवहेलना : बस मालिकों पर सरकार के आदेश का असर नहीं रांची : बस मालिकों पर सरकार का जोर नहीं है. परिवहन विभाग ने पांच फरवरी को बस भाड़ा कम करने का आदेश दिया था. आदेश के सप्ताह भर बाद भी बस मालिकों ने किराये में कमी नहीं की है. बसों का परिचालन पूर्व निर्धारित […]

अवहेलना : बस मालिकों पर सरकार के आदेश का असर नहीं
रांची : बस मालिकों पर सरकार का जोर नहीं है. परिवहन विभाग ने पांच फरवरी को बस भाड़ा कम करने का आदेश दिया था. आदेश के सप्ताह भर बाद भी बस मालिकों ने किराये में कमी नहीं की है. बसों का परिचालन पूर्व निर्धारित किराये पर ही किया जा रहा है. बस मालिकों ने सरकार का आदेश मानने से इनकार कर दिया है.
बस मालिकों का एसोसिएशन सरकार द्वारा निर्धारित किराये का विरोध कर रहा है. एसोसिएशन ने बसों की हड़ताल तक करने की धमकी दी है. हालांकि तत्कालीन परिवहन आयुक्त से भाड़े में की गयी कमी पर पुनर्विचार करने के बाद हड़ताल फिलहाल टाल दिया गया है. लेकिन, बसों का किराया कम नहीं किया गया.
किराये में 33 फीसदी तक कमी करने का था आदेश
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में हुई कमी के मद्देनजर राज्य सरकार ने बस भाड़े में 33 फीसदी तक की कमी करने का निर्देश दिया है. साधारण बसों का किराया 53 पैसे प्रति किमी निर्धारित किया गया है. एक्सप्रेस बस सेवा 58 पैसे प्रति किमी, सेमी डीलक्स बस सेवा 67 पैसे प्रति किमी, डीलक्स बस सेवा 79 पैसे प्रति किमी, डीलक्स वातानुकूलित बस सेवा 85 पैसे प्रति किमी और वोल्वो बस सेवा 1.06 पैसे प्रति किमी तय किया गया है.
परिवहन विभाग ने पांच फरवरी को भाड़ा घटाने का दिया था आदेश
पहले भी भाड़ा घटाने से बस मालिक कर चुके हैं इनकार
रांची : राज्य के बस मालिक पहले भी सरकार द्वारा निर्धारित भाड़ा के अनुरूप बस परिचालन से इनकार कर चुके हैं. वर्ष 2007-08 में परिवहन विभाग ने बसों का किराया निर्धारित किया था. उस समय भी बस मालिकों ने इसका विरोध किया था. आंदोलन की चेतावनी देते हुए बस मालिकों ने हड़ताल की घोषणा कर दी थी. बाद में राज्य सरकार ने बसों के लिए निर्धारित भाड़े को अमल में लाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया. अंतत: सरकार के आदेश के बावजूद बसों का परिचालन बस मालिकों द्वारा निर्धारित भाड़े के हिसाब से ही हुआ.
एसोसिएशन ने कहा
हमारे हितों का नहीं रखा गया ख्याल
परिवहन विभाग ने भाड़ा निर्धारण समिति की बैठक किये बिना ही बसों का भाड़ा निर्धारित किया है. भाड़ा निर्धारित करते समय बस मालिकों के हितों का ख्याल नहीं रखा गया है. सरकार अगर तय किये गये भाड़े को लागू करना चाहती है, तो उसे सिटी बसों के साथ शुरुआत करनी चाहिए. पहले सिटी बसों का किराया कम हो, उसके बाद ही निजी बसों का किराया कम करने की बात की जाये. बस मालिकों ने अपना पक्ष सरकार के समक्ष रख दिया है. निर्धारित किराया नहीं बढ़ाया गया, तो आंदोलन किया जायेगा.
किशोर मंत्री, सचिव, रांची बस ऑनर्स एसोसिएशन

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