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लटक गये निजी पावर प्लांट

झारखंड को नहीं मिल पा रही 1000 मेगावाट बिजली रांची : झारखंड में प्रस्तावित व निर्माणाधीन निजी पावर प्लांट कंपनियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इससे कंपनियों की परियोजना में देर हो रही है. समस्याओं के कारण ही एस्सार पावर प्लांट ने चंदवा स्थित टोरी-1 और टोरी-2 परियोजना से उत्पादन शुरू करने […]

झारखंड को नहीं मिल पा रही 1000 मेगावाट बिजली

रांची : झारखंड में प्रस्तावित निर्माणाधीन निजी पावर प्लांट कंपनियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इससे कंपनियों की परियोजना में देर हो रही है. समस्याओं के कारण ही एस्सार पावर प्लांट ने चंदवा स्थित टोरी-1 और टोरी-2 परियोजना से उत्पादन शुरू करने की तिथि बढ़ा दी है.

पहले दिसंबर 2013 से उत्पादन करने का लक्ष्य था, पर अब इसे बढ़ा कर दिसंबर 2015 कर दिया गया है. अभिजीत ग्रुप ने भी दिसंबर 2012 से बढ़ा कर दिसंबर 2014 से उत्पादन शुरू करने का नया लक्ष्य रखा है. कांड्रा में आधुनिक ग्रुप के पावर प्लांट से 540 मेगावाट उत्पादन हो रहा है.

कंपनी कोयला संकट से जूझ रही है. इस कारण कंपनी ने फेज-2 को फिलहाल स्थगित रखा है. इन पावर प्लांट के चालू हो जाने से झारखंड को अपने हिस्से की करीब 1000 मेगावाट अतिरिक्त बिजली मिलती.

एस्सार का प्लांट दो चरणों में होना है पूरा : चंदवा प्रखंड में एस्सार ग्रुप की ओर से 1800 मेगावाट क्षमता के पावर प्लांट का निर्माण किया जारहा है. इसे दो चरणों में पूरा करना है.

कंपनी टोरी में टोरी-1 प्रोजेक्ट के तहत 1200 मेगावाट और प्रोजेक्ट टोरी-2 के तहत 600 मेगावाट का पावर प्लांट लगा रही है. कंपनी को अशोक करकटा चकला कोल ब्लॉक आवंटित किये गये हैं. एमओयू की शर्तो के अनुसार, कंपनी को कुल उत्पादन में 25 फीसदी बिजली (450 मेगावाट) झारखंड सरकार को रियायती दर पर देनी है.

पर कंपनी को अशोक करकटा चकला कोल ब्लॉक के लिए स्टेज-1 क्लीयरेंस अब तक नहीं मिला है. कंपनी के एक अधिकारी के अनुसार, आवेदन पिछले एक साल से वन एवं पर्यावरण विभाग के पास लंबित है.

कंपनी ने अब तक तीन हजार करोड़ का निवेश कर दिया है. अब देर की वजह से कपंनी को निवेशक और प्रमोटर के खोने का डर सता रहा है. निवेशक, प्रमोटर और कर्ज देनेवाली वित्तीय संस्थाएं पीछे हट रही हैं.

अभिजीत ग्रुप को भी कई समस्याएं : चंदवा में ही अभिजीत ग्रुप को भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. कंपनी की ओर से 1740 मेगावाट क्षमता का पवार प्लांट लगाने का काम अंतिम चरण में है. पर 150 एकड़ जीएम लैंड (गैर मजरूआ जमीन) हस्तांतरण ने होने से परेशानी हो रही है.

चंदवा से लातेहार ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण भी अब तक नहीं हो पाया है, जबकि कंपनी का प्लांट तैयार है. कंपनी के एक अधिकारी ने बताया, उत्पादन आरंभ कर भी दिया जाये, तो बिजली का ट्रांसमिशन कैसे हो पायेगा. कंपनी को चितरपुर कोल ब्लॉक आवंटित है. इसके सारे क्लीयरेंस मिल चुके हैं. अभिजीत ग्रुप के चालू होने पर झारखंड के हिस्से में लगभग 425 मेगावाट बिजली आयेगी.

आधुनिक ने पहले चरण का उत्पादन शुरू किया : आधुनिक ग्रुप की ओर से कांड्रा में 1080 मेगावाट का पावर प्लांट लगाया जाना है. पहले चरण में 540 मेगावाट का प्लांट लग चुका है. इससे उत्पादन भी हो रहा है. झारखंड को 125 मेगावाट बिजली मिल रही है.

कंपनी को गणोशपुर कोल ब्लॉक टाटा स्टील के साथ संयुक्त रूप से मिला है. पर अब तक इस कोल ब्लॉक के लिए स्टेज-1 क्लीयरेंस भी नहीं मिला है. कंपनी सीसीएल से लिंकेज लेकर जरूरत पूरा कर रही है. कंपनी के इडी अमृतांशु प्रसाद बताते हैं, कोल लिंकेज से कोयला महंगा मिलता है.

पर्याप्त मात्र में भी नहीं मिलता. इससे बिजली की लागत बढ़ रही है. रियायती दर पर सरकार कोयले की व्यवस्था कर दे, तो प्लांट सुचारु रूप से चलता रहेगा. उधर आवंटित कोल ब्लॉक की प्रक्रिया पूरी नहीं होने से दूसरे फेज पर अभी काम नहीं किया जा रहा है. दूसरे फेज का पावर प्लांट बनने से झारखंड के हिस्से में और करीब 125 मेगावाट बिजली आयेगी.

झारखंड को नहीं मिल पा रही 1000 मेगावाट बिजली

एमओयू की शर्त के अनुसार, निजी पावर प्लांटों को कुल उत्पादन की 25 फीसदी बिजली रियायत दर पर झारखंड को देना है. इस तरह से झारखंड को कुल 1010 मेगावाट बिजली नहीं मिल पा रही है.

कंपनीराज्य को मिलती बिजली

एस्सार 450 मेगावाट

अभिजीत 425 मेगावाट

आधुनिक 125 मेगावाट

नोट : आधुनिक ग्रुप ने कांड्रा में पहले चरण के तहत 540 मेगावाट का पावर प्लांट लगाया है. पर उसे दूसरी चरण में भी 540 मेगावाट का पावर प्लांट लगाना है

एस्सार ग्रुप (चंदवा)

कंपनी को आवंटित अशोक करकटा चकला कोल ब्लॉक के लिए स्टेज-1

क्लीयरेंस अब तक नहीं मिला

एक साल से वन एवं पर्यावरण विभाग के पास लंबित है आवेदन

अब निवेशक और प्रमोटर के खोने का डर

उत्पादन तिथि बढ़ा कर दिसंबर

2013 से दिसंबर 2015 किया

किसे क्याक्या समस्याएं

अभिजीत ग्रुप (चंदवा)

150 एकड़ जीएम लैंड का हस्तांतरण अब तक नहीं

चंदवा से लातेहार ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण नहीं

ट्रांसमिशन लाइन नहीं होने से उत्पादन शुरू नहीं

अब दिसंबर 2014 से उत्पादन

आधुनिक ग्रुप (कांड्रा)

गणोशपुर कोल ब्लॉक के लिए स्टेज-1 क्लीयरेंस अब तक नहीं

सीसीएल से लिंकेज लेकर जरूरत पूरा कर रही है कंपनी

कोल ब्लॉक प्रक्रिया पूरी नहीं होने से दूसरे फेज पर काम शुरू नहीं

उत्पादन आरंभ है, पर कोयले की हो रही है कमी

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