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आदर्श ग्राम योजना की रफ्तार धीमी, सरकार ने मांगा हिसाब

रांची: राज्य में चल रही आदर्श ग्राम योजना की रफ्तार धीमी हो गयी है. शुरू में तो कुछ काम हुआ, पर बाद में सभी काम धीमी गति से चलने लगा. पहले दो साल योजना के लिए पैसे भी आवंटित किये गये, पर पैसे का हिसाब जिले नहीं दे रहे हैं. इसे देखते हुए ग्रामीण विकास […]

रांची: राज्य में चल रही आदर्श ग्राम योजना की रफ्तार धीमी हो गयी है. शुरू में तो कुछ काम हुआ, पर बाद में सभी काम धीमी गति से चलने लगा. पहले दो साल योजना के लिए पैसे भी आवंटित किये गये, पर पैसे का हिसाब जिले नहीं दे रहे हैं.
इसे देखते हुए ग्रामीण विकास विभाग ने चार जिलों चतरा, जामताड़ा, गुमला व खूंटी को छोड़ कर शेष जिलों से हिसाब मांगा है. जिलों से कहा गया है कि उन्होंने किस मद में कितना खर्च किया है, इसका ब्योरा दिया जाये. उपयोगिता प्रमाण पत्र शीघ्र देने को कहा गया है.
क्या है योजना
इस योजना के तहत राज्य के 100 गांवों को आदर्श गांव बनाया जायेगा. हर विधायक की अनुशंसा पर एक-एक गांव लिये गये हैं. वहीं शहीदों के 19 गांवों को भी इसमें शामिल किया गया है. तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सह ग्रामीण विकास मंत्री सुदेश महतो ने इस योजना का क्रियान्वयन कराया था.
इसके तहत गांवों में ग्राम सांस्कृतिक केंद्र अखड़ा, ग्राम संसद भवन सहित कई आधारभूत संरचना का निर्माण कराना है. साथ ही पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, वन विभाग, खेलकूद विभाग, भू-राजस्व विभाग, पंचायती राज, शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण कार्य विभाग आदि विभागों के साथ कन्वर्जेस करके गांव में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना है. योजना तीन वर्षो 2011-12 से 2013-14 तक चलनी थी. पर समय समाप्त हो गया है. अब विस्तार देने पर विचार हो रहा है.
केंद्र ने सांसद आदर्श ग्राम योजना शुरू की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर केंद्र ने हाल ही में सांसद आदर्श ग्राम योजना की शुरुआत की है. प्रधानमंत्री ने सभी सांसदों को एक-एक गांव का जिम्मा लेने को कहा है, ताकि उसे आदर्श गांव बनाया जा सके. इन गांवों में भी सारे विभागों की योजनाएं कन्वर्जेस के तहत दी जायेगी.
कब कितना पैसा मिला
योजना की शुरुआत 2011-12 में हुई, तब 60 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गयी थी. फिर वर्ष 2012-13 में 40 करोड़ रुपये दिये गये. वहीं 12 करोड़ रुपये झारखंड स्टेट लाइवलिहुड मिशन को दिये गये थे.
कितना हुआ है काम
जानकारी के मुताबिक सांस्कृतिक केंद्रों का निर्माण कहीं-कहीं लिंटन तक किया गया है, तो कहीं ढलाई हो गयी है. वहीं जमीन की समस्या के कारण कहीं-कहीं पर काम नहीं हुआ है. अन्य योजनाओं की भी स्थिति ठीक नहीं है. कन्वर्जेस के तहत भी बेहतर काम नहीं हुए हैं.
नहीं मिला वर्ष 2013 और 14 का पैसा
वित्तीय वर्ष 2013-14 में इस योजना के तहत राशि का आवंटन नहीं किया गया. विभाग पहले की राशि का हिसाब मांग रहा है. खर्च से संबंधित उपयोगिता प्रमाण पत्र मिलने के बाद ही राशि दी जायेगी.

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