प्रार्थी की ओर से वरीय अधिवक्ता वी शिवनाथ व राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता वीके प्रसाद ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी मनोज यादव ने याचिका दायर की है. कहा गया है कि शिव मंदिर ट्रस्ट की जमीन पर पिछले 40-50 वर्षो से लोग रहते आ रहे हैं. सभी लीजधारी थे. उपायुक्त ने ट्रस्ट की जमीन को लावारिस खाता घोषित कर सरकार की जमीन घोषित कर दिया. शिव मंदिर ट्रस्ट को नागा बाबा खटाल की जमीन पालकोट राजा से दान में मिली थी. ट्रस्ट की अध्यक्षता रांची के न्यायायुक्त करते थे.
नागा बाबा मठ को केयर टेकर बनाया गया था. मठ द्वारा लगातार किराया लिया गया. खटाल की जमीन के मामले में पटना हाइकोर्ट व झारखंड हाइकोर्ट ने भी पूर्व में आदेश पारित किया है. बाद में उपायुक्त ने सीएनटी एक्ट की धारा 73 के तहत ट्रस्ट की जमीन को लावारिस खाता का घोषित कर सरकारी जमीन बना दिया. अतिक्रमण हटाओ अभियान चला कर शांतिपूर्वक रह रहे ट्रस्ट के लीजधारियों को बिना नोटिस दिये और पक्ष सुने बिना जबरन हटा दिया गया.