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दारोगा चार साल सस्पेंड करते रहे काम, वेतन भी

रांची: प्रकाश तिग्गा साहेबगंज में दारोगा के पद पर पदस्थापित थे. काम में लापरवाही बरतने के कारण हजारीबाग एसपी ने उन्हें निलंबित कर दिया था. कागज पर वह निलंबित हुए, पर काम करते रहे. विभाग से हर माह वेतन लेते रहे. कई मामलों का अनुसंधान करते रहे. किसी ने यह नहीं पूछा कि अगर वह […]

रांची: प्रकाश तिग्गा साहेबगंज में दारोगा के पद पर पदस्थापित थे. काम में लापरवाही बरतने के कारण हजारीबाग एसपी ने उन्हें निलंबित कर दिया था. कागज पर वह निलंबित हुए, पर काम करते रहे. विभाग से हर माह वेतन लेते रहे. कई मामलों का अनुसंधान करते रहे. किसी ने यह नहीं पूछा कि अगर वह निलंबित हैं, तो कैसे काम कर सकते हैं, कैसे वेतन ले सकते हैं. इतना ही नहीं, विभाग ने उन्हें प्रोन्नति भी दे दी. जब मामला पकड़ में आया, तब तक चार साल बीत चुके थे. यानी चार साल तक निलंबित दारोगा काम करता रहा, वेतन लेता रहा, पर कोई पकड़ नहीं सका. यह है झारखंड पुलिस विभाग में सिस्टम का हाल.

प्रकाश तिग्गा को जून 2009 में निलंबित किया गया था. उस समय वह साहेबगंज में पदस्थापित थे. कई अन्य थानों में उनका तबादला भी होता रहा. दो थानों के वह थानेदार भी रहे. पुलिस मुख्यालय ने उनकी प्रोन्नति कर दी. इंस्पेक्टर में प्रोन्नति देने के बाद जब श्री तिग्गा का तबादला जंगल वार फेयर में किया गया, तब साहेबगंज के एसपी ने इस गड़बड़ी को पकड़ा. मुख्यालय को रिपोर्ट की. इसके बाद उनकी प्रोन्नति को रोका गया.

प्रकाश तिग्गा, 28 फरवरी 2009 तक हजारीबाग के मुफ्फसिल थाना में पदस्थापित थे. इस बीच उनका तबादला साहेबगंज हो गया. साहेबगंज के लिए उन्हें विरमित किया गया. प्रकाश ने वहां योगदान भी दे दिया. पांच दिनों बाद ही उन्हें बोरियो थाना में पदस्थापित कर दिया गया. जब प्रकाश तिग्गा हजारीबाग के मुफ्फसिल थाना में थे, तो वह 46 मामलों का अनुसंधान कर रहे थे.

जब उनका तबादला हो गया तो किसी को उन्हें चार्ज देना था. उन्होंने ऐसा नहीं किया. किसी को चार्ज नहीं दिया. हजारीबाग के तत्कालीन एसपी ने बार-बार पत्र लिखा, फिर भी दारोगा प्रकाश तिग्गा ने 46 केस का चार्ज किसी को नहीं दिया. अंतत: एसपी ने जून 2009 में उन्हें निलंबित कर दिया. हजारीबाग एसपी ने निलंबन की सूचना साहेबगंज के एसपी को भी दी. साहेबगंज के तत्कालीन एसपी ने यह सूचना दारोगा प्रकाश तिग्गा की सेवा पुस्तिका में दर्ज भी करा दी. लेकिन साहेबगंज एसपी ने प्रकाश तिग्गा के निलंबन का आदेश अपने स्तर से जारी नहीं किया. इस प्रकार दारोगा ड्यूटी करते रहे. वेतन भी लेते रहे. सात अगस्त 2009 को उन्हें जिरवाबाड़ी थाना का प्रभारी भी बनाया गया.

इसी साल यानी 2013 में प्रोन्नति समिति ने प्रकाश तिग्गा को इंस्पेक्टर रैंक में प्रोन्नत कर जंगल वार फेयर में पदस्थापित करने का आदेश जारी किया. प्रोन्नति के लिए डीआइजी (दुमका) स्तर से अनुशंसा की गयी. वहां भी श्री तिग्गा के निलंबन का मामला नहीं पकड़ा गया. जब प्रोन्नति का आदेश साहेबगंज पहुंचा, तो वहां के वर्तमान एसपी अवध बिहारी राम ने इस मामले को पकड़ा. सेवा पुस्तिका में पाया कि निलंबन की बात तो दर्ज है, लेकिन निलंबन मुक्त कब किया गया, यह पता नहीं चल रहा. एसपी ने इस बाबत मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी. तब प्रोन्नति पर रोक लगायी गयी. इस दौरान हजारीबाग के एसपी ने मार्च 2013 में दारोगा प्रकाश तिग्गा को निलंबन की तिथि से निलंबन मुक्त कर दिया. लेकिन तक चार साल बीत चुके थे.

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