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ड्रग इंस्पेक्टरों की नियुक्ति में हुई थी गड़बड़ी, परीक्षा से पहले बदल दिया नियम

रांची: वर्ष 2013 में हुई ड्रग इंस्पेक्टरों की नियुक्ति में गड़बड़ी का मामला सामने आया है. नियुक्ति के दौरान ही नियम बदल दिये गये थे. आवेदन जमा करने के लिए पहले अनुभव होना अनिवार्य किया गया था. पर परीक्षा की तिथि की घोषणा के समय इसकी बाध्यता समाप्त कर दी गयी. इस बदलाव के लिए […]

रांची: वर्ष 2013 में हुई ड्रग इंस्पेक्टरों की नियुक्ति में गड़बड़ी का मामला सामने आया है. नियुक्ति के दौरान ही नियम बदल दिये गये थे. आवेदन जमा करने के लिए पहले अनुभव होना अनिवार्य किया गया था. पर परीक्षा की तिथि की घोषणा के समय इसकी बाध्यता समाप्त कर दी गयी. इस बदलाव के लिए नये सिरे से प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए थी.

पर ऐसा नहीं किया गया, वर्ष 2011 में जमा किये गये आवेदनों के आधार पर ही परीक्षा आयोजित की गयी. इससे ड्रग इंस्पेक्टर के पद पर वैसे उम्मीदवारों की नियुक्ति हुई, जिनके पास अनुभव नहीं था. यही नहीं, परीक्षा तिथि की घोषणा के साथ नियम बदले जाने के कारण बी फर्मा के वैसे डिग्री धारकों को परीक्षा में शामिल होने का मौका नहीं मिला, जिन्होंने अनुभव की कमी की वजह से आवेदन नहीं दिया था.

2011 में निकला था विज्ञापन : राज्य में ड्रग इंस्पेक्टरों की कमी को देखते हुए सरकार ने 2011 में नियुक्ति करने का फैसला किया था. स्वास्थ्य विभाग के अनुरोध पर झारखंड राज्य लोक सेवा आयोग ने 59 पदों के लिए विज्ञापन निकाला.
आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 25 अक्तूबर 2011 थी. ड्रग एंड कास्मेटिक्स रूल 1950 की धारा 49 के अनुसार, आवेदकों के लिए शैक्षणिक योग्यता और अनुभव का प्रावधान किया गया था. इसके तहत शैक्षणिक योग्यता बी फर्मा और ‘ शिडय़ूल-सी’ में वर्णित पदार्थो की जांच या उत्पादन संस्थान में काम करने का कम से कम 18 माह का अनुभव चाहिए था. इन दोनों में से कोई अनुभव नहीं होने पर आवेदक के पास ‘शिडय़ूल-सी’ में शामिल पदार्थो की उत्पादन इकाई का तीन साल के निरीक्षण का अनुभव होना आवश्यक था.
एक साल बाद कम किया रिक्त पद: विज्ञापन प्रकाशन के करीब एक साल बाद सरकार के आदेश पर जेपीएससी की ओर से एक रिक्तियों में संशोधन से संबंधित विज्ञापन प्रकाशित किया गया. 27 जुलाई 2012 को प्रकाशित विज्ञापन में ड्रग इंस्पेक्टरों का रिक्त पद 59 के बदले 30 बताया गया. इसके बाद 28 सितंबर 2013 को जेपीएससी ने 29 से 31 अक्तूबर 2013 तक परीक्षा लेने संबंधी विज्ञापन प्रकाशित किया. इसी विज्ञापन के अंत में आवेदकों के लिए निर्धारित अनुभव की बाध्यता को समाप्त करने का उल्लेख किया गया. कहा गया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा 27 जुलाई 2013 को जारी पत्र के आलोक में अनुभव की बाध्यता समाप्त की गयी. इसलिए मूल विज्ञापन(20/11) को इस हद तक संशोधित समझा जाये.
कुंज बिहारी का उदाहरण
मूल विज्ञापन में अनुभव की बाध्यता थी. आवेदक कुंज बिहारी के पास 18 माह का अनुभव नहीं था. इसके बावजूद उन्होंने आवेदन पत्र जमा किया. उन्होंने अपने आवेदन पत्र में सिर्फ 12 माह का अनुभव होने का उल्लेख किया था. जेपीएससी ने उनके आवेदन पत्र के साथ अनुभव से संबंधित प्रमाण पत्र नहीं होने की बात लिखी. कुंज बिहारी ने 24 अक्तूबर 2011 को लोक सेवा आयोग में एक आवेदन भी दिया था. इसमें उन्होंने यह अनुरोध किया था कि उनका आवेदन बिना अनुभव प्रमाण पत्र के ही स्वीकार कर लिया जाये. बाद में स्वास्थ्य विभाग ने लिखित परीक्षा के पहले अनुभव की बाध्यता समाप्त कर दी. कुंज बिहारी परीक्षा में शामिल हुए और ड्रग इंस्पेक्टर के पद पर नियुक्त हुए.

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