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मुख्यालय की नहीं सुनते जिलों के एसपी
रांची: हाल के दिनों में ऐसे कई मामले सामने आये हैं, जिससे यह बात सामने आयी है कि जिलों के एसपी पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों का निर्देश नहीं सुनते हैं. एक ही रिपोर्ट के लिए पुलिस मुख्यालय के अफसरों को बार-बार पत्र लिखना पड़ रहा है. यही हाल जिलों में भी है. जिलों के थानेदार […]
रांची: हाल के दिनों में ऐसे कई मामले सामने आये हैं, जिससे यह बात सामने आयी है कि जिलों के एसपी पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों का निर्देश नहीं सुनते हैं. एक ही रिपोर्ट के लिए पुलिस मुख्यालय के अफसरों को बार-बार पत्र लिखना पड़ रहा है. यही हाल जिलों में भी है. जिलों के थानेदार एसपी की बात नहीं सुनते. हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 29 जनवरी को रांची के थानेदारों के साथ हुई बैठक में जोन के आइजी को कहना पड़ा कि एसएसपी जैसा चाहते हैं, थाना प्रभारी उसी तरह काम करें.
एसपी की नहीं सुनते थानेदार
29 जनवरी को रांची जोन के आइजी ने रांची शहर के थानेदारों के साथ बैठक की. बैठक में एसएसपी ने कहा कि थाना प्रभारियों में ताल-मेल नहीं है और टीम भावना का अभाव है. इस पर आइजी ने थाना प्रभारियों से कहा कि एसएसपी जैसे जिला चलाना चाहते हैं, वैसे काम कीजिये. साफ है कि जिला के थानेदार एसएसपी के निर्देश पर कम और अपने-अपने मन की ज्यादा कर रहे हैं.
इस कारण उनके बीच ताल-मेल नहीं है और आइजी रैंक के अफसर को इसके लिए निर्देशित करना पड़ रहा है.
घटना-एक
आदेश के बाद भी हाउस गार्ड की वापसी नहीं
स्पेशल ब्रांच के एडीजी रेजी डुंगडुंग ने 24 दिसंबर 2014 को आदेश जारी कर जिलों के एसपी से कहा था कि पूर्व मंत्रियों व अन्य वीवीआइपी के यहां तैनात हाउस गार्ड को वापस करें. लेकिन, कई जिलों के एसपी ने इस आदेश का पालन नहीं किया. 21 जनवरी को एडीजी को दोबारा पत्र लिखना पड़ा. पत्र रांची के एसएसपी के अलावा रामगढ़, बोकारो, कोडरमा और जैप-पांच के कमांडेंट को लिखा. एडीजी ने कहा है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, राज्य के पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह, अन्नपूर्णा देवी, सुरेश पासवान, बंधु तिर्की समेत अन्य का हाउस गार्ड वापस नहीं किया गया. एडीजी ने पत्र में जिक्र किया था कि यह आदेश का उल्लंघन है. उन्होंने आदेश का अनुपालन कर 26 जनवरी तक प्रतिवेदन भेजने को कहा था. लेकिन इस आदेश का पालन भी 30 जनवरी की शाम तक नहीं किया गया.
घटना-दो
नहीं भेजते चेकिंग की रिपोर्ट
29 जनवरी को डीजीपी राजीव कुमार ने सभी जिलों के एसपी को पत्र लिखा है. पत्र में डीजीपी ने पुलिस अधीक्षकों से कहा है कि थाना व गश्ती चेकिंग की रिपोर्ट नियमित रूप से भेजना सुनिश्चित करें. पत्र में यह भी जिक्र किया गया है कि थाना व गश्ती चेकिंग की रिपोर्ट भेजने के लिए पूर्व में भी कई बार निर्देश दिये गये थे. बार-बार निर्देश दिये जाने के बाद भी जिलों से नियमित रिपोर्ट नहीं आ रही है, इसलिए इस बार सख्त निर्देश दिया जाता है कि नियमित रिपोर्ट भेजें.
घटना-तीन
जैप के कमांडेंट भी नहीं जाते अभियान में
गत वर्ष पुलिस मुख्यालय में हुई एक बैठक में निर्णय लिया गया था कि जैप के कमांडेंट भी नक्सलियों के खिलाफ अभियान में शामिल होंगे. इसे लेकर निर्देश भी जारी किया गया, लेकिन अब तक किसी भी जिला के एसपी और जैप-आइआरबी के कमांडेंट ने इस दिशा में काम नहीं किया. न तो एसपी ने कमांडेंट को अभियान में शामिल किया और न ही किसी कमांडेंट ने अपनी तरफ से इस ओर दिलचस्पी दिखायी.
कार्रवाई का प्रावधान
मुख्यालय के निर्देश को नहीं मानने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ मुख्यालय सरकार को रिपोर्ट कर सकती है. रिपोर्ट के आधार पर संबंधित अधिकारी पर तबादला से लेकर कार्रवाई तक चल सकती है.
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