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नोडल पदाधिकारी करेंगे 34,560 आवेदनों की जांच
रांची: झारखंड-वनांचल आंदोलनकारी चिह्न्ीकरण आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश विक्रमादित्य प्रसाद व सदस्य विजय कुमार सिंह ने विभिन्न जिलों का दौरा शुरू किया है. वह संबंधित जिले के नोडल पदाधिकारियों से उनकी कार्य उपलब्धि जान रहे हैं. दरअसल इन नोडल पदाधिकारियों को 34560 वैसे आंदोलनकारियों की पहचान पुख्ता करनी है, जिन्होंने अपने आवेदन में खुद […]
रांची: झारखंड-वनांचल आंदोलनकारी चिह्न्ीकरण आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश विक्रमादित्य प्रसाद व सदस्य विजय कुमार सिंह ने विभिन्न जिलों का दौरा शुरू किया है. वह संबंधित जिले के नोडल पदाधिकारियों से उनकी कार्य उपलब्धि जान रहे हैं. दरअसल इन नोडल पदाधिकारियों को 34560 वैसे आंदोलनकारियों की पहचान पुख्ता करनी है, जिन्होंने अपने आवेदन में खुद को आंदोलनकारी होने का दावा तो किया है, पर इससे संबंधित कोई दस्तावेज या प्रमाण संलगA नहीं किया है. नोडल पदाधिकारियों को ऐसे लोगों की पहचान स्थानीय लोगों, पुख्ता पहचान वाले अन्य आंदोलनकारी या फिर पुलिस-प्रशासन के पास उपलब्ध रेकॉर्ड के आधार पर करनी है.
आयोग ने पहचान की पुष्टि करने के लिए एक फॉरमैट तैयार किया है. नोडल पदाधिकारियों को इस फॉरमैट को भरना है. इधर, सितंबर 2014 में नोडल पदाधिकारियों के चयन के बाद से पहचान पुख्ता करने का काम शिथिल रहा. विधानसभा चुनाव के कारण एडीएम रैंक के ये नोडल पदाधिकारी अपना काम नहीं कर पाये हैं. खास कर रांची में कोई काम नहीं हुआ है. अब इसकी प्रक्रिया शुरू हो रही है. आयोग का कार्यकाल मई-2015 में समाप्त हो रहा है. इससे पहले आंदोलनकारियों की अंतिम सूची जारी करनी है. गौरतलब है कि राज्य सरकार ने झारखंड अलग राज्य के आंदोलन में शामिल रहे आंदोलनकारियों को सम्मानित व लाभान्वित करने का निर्णय लिया है. आंदोलनकारियों की पहचान के लिए ही आयोग का गठन किया गया है.
3450 आंदोलनकारी चिह्न्ति : आयोग ने उपलब्ध दस्तावेजों (थानों में दर्ज प्राथमिकी व अन्य) के आधार पर कुल 3450 आंदोलनकारियों की पहचान की पुष्टि की है. इनमें से 550 आंदोलनकारियों की पहचान विभिन्न लेखकों के प्रमाणिक पुस्तकों व अन्य दस्तावेजों के तथ्यों के आधार पर की गयी है. गौरतलब है कि राज्य भर से करीब 40 हजार लोगों ने खुद को आंदोलनकारी/आश्रित बताते हुए आवेदन दिया है. इनमें से 34560 आवेदन की पुष्टि जिलों के नोडल पदाधिकारियों को करनी है. सबसे अधिक आवेदन गोड्डा (3956) व रांची (3895) जिले के जिम्मे है.
आंदोलनकारियों/आश्रितों के लिए क्या है प्रावधान
पुलिस फायरिंग में या जेल में मरे आंदोलनकारी के आश्रित के एक सदस्य को निर्धारित शैक्षणिक योग्यता के अनुसार तृतीय व चतुर्थ पदों पर नियुक्ति.
आंदोलनकारी परिवार के एक सदस्य, जो किसी नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया में शामिल हैं, उन्हें तृतीय व चतुर्थ वर्गीय पदों पर अन्य बातें समान रहने पर नियुक्ति में प्राथमिकता.
छह माह से कम समय तक जेल में रहे आंदोलनकारी या उसके एक आश्रित को तीन हजार रु प्रति माह पेंशन.
छह माह से अधिक समय तक जेल में रहे आंदोलनकारी या उसके एक आश्रित को पांच हजार रु पेंशन.
अंतिम रूप से चिह्न्ति आंदोलनकारी को सरकार प्रतीक चिह्न् व प्रमाण पत्र देगी.
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