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सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को मिलेंगे 36 कोल ब्लॉक!

रांची: निजी कंपनियों द्वारा खनन किये जा रहे 36 कोल ब्लॉक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को दिये जा सकते हैं. इससे संबंधित प्रस्ताव कोयला मंत्रलय ने तैयार किया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 36 कोल ब्लॉक का आवंटन रद्द कर दिया गया है. मार्च तक कंपनियों को खनन करने की अनुमति दी गयी […]

रांची: निजी कंपनियों द्वारा खनन किये जा रहे 36 कोल ब्लॉक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को दिये जा सकते हैं. इससे संबंधित प्रस्ताव कोयला मंत्रलय ने तैयार किया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 36 कोल ब्लॉक का आवंटन रद्द कर दिया गया है. मार्च तक कंपनियों को खनन करने की अनुमति दी गयी है. कोयला मंत्रलय ने तय किया है कि कोल ब्लॉक पावर सेक्टर और स्टील सेक्टर को दिया जायेगा.

हिंद मजदूर सभा के अध्यक्ष नाथू लाल पांडेय ने कहा कि मंत्रालय ने कहा है कि जिन कंपनियों को कोल ब्लॉक दिया जायेगा, उनको कोयला बेचने का अधिकार नहीं दिया जायेगा. ऐसी कंपनियां केवल डस्ट (धूल) बेच सकेंगी. कोयला उत्पादन और धूल का अनुपात भी मंत्रलय तय कर रहा है. श्री पांडेय ने कहा कि शेष 46 कोल ब्लॉक भी निजी कंपनियों को नहीं दिये जायेंगे. उनका कहना है कि यह मजदूर यूनियन्स की जीत है. हड़ताल के कारण ही यह सफल हो पाया है.

यह धोखा देने की साजिश : सीटू
सीटू से संबद्ध ऑल इंडिया कोल वर्कर्स फेडरेशन के महासचिव जीवन राय ने कहा कि कोयला मंत्रलय का कृत्य गौरव बढ़ानेवाला नहीं है. इसे महिमामंडित नहीं किया जाना चाहिए. सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को कोल ब्लॉक देने का जिक्र नये आर्डिनेंश में भी है. सीटू नेता आरपी सिंह ने कहा कि कोयला मजदूरों को भ्रम में डालने के लिए इस तरह के काम हो रहे हैं. इससे मजदूरों को सावधान रहने की जरूरत है.
कोल इंडिया को दिलाने के लिए बात होगी : एटक
एटक नेता लखन लाल महतो ने कहा कि कोल ब्लॉक कोल इंडिया को दिलाने के लिए भी कोयला मंत्रलय से बात होगी. हड़ताल के कारण सरकार पर दबाव बना है. सरकार से बात होगी कि कोल इंडिया को और मजबूत किया जाये.

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