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सीएम ने दिये अंगरक्षक कम करने के आदेश, पर अफसरों के रिश्तेदारों की डय़ूटी बजा रहे हैं जवान

रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अंगरक्षक कम करने का आदेश दिया है. सीएम के आदेश के बाद स्पेशल ब्रांच के अधिकारी अफसरों और नेताओं के यहां अंगरक्षक के रूप में तैनात पुलिसकर्मियों की सूची बनाने में जुट गये हैं. सीएम के आदेश जारी होने पर एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया: यदि अफसरों-नेताओं व ठेकेदारों […]

रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अंगरक्षक कम करने का आदेश दिया है. सीएम के आदेश के बाद स्पेशल ब्रांच के अधिकारी अफसरों और नेताओं के यहां अंगरक्षक के रूप में तैनात पुलिसकर्मियों की सूची बनाने में जुट गये हैं.
सीएम के आदेश जारी होने पर एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया: यदि अफसरों-नेताओं व ठेकेदारों की सुरक्षा में तैनात जरूरत से ज्यादा सिपाहियों को वापस बुला लिया जाये, तो एक पुलिस लाइन बन जायेगी. मतलब साफ है: इतने सिपाही जमा हो जायेंगे, जितने एक जिला में सिपाहियों की स्वीकृत संख्या होती है. उल्लेखनीय है कि स्पेशल ब्रांच के एडीजी रेजी डुंगडुंग ने 12 जनवरी को सभी जिलों के एसपी, जैप व आइआरबी के कमांडेंट को पत्र लिख कर अंगरक्षक के रूप में प्रतिनियुक्ति जवानों की सूची मांगी थी. कुछ एसपी और कमांडेंट ने सूची भेजी भी है.

सूत्रों के मुताबिक कुछ अफसरों ने अपने ससुर और साले तक के पास अंगरक्षक छोड़ रखे हैं. एक पूर्व आइजी के पास चार अंगरक्षक हैं. इसमें से एक अंगरक्षक आइजी पूल का है. एक आइजी ने अपने नाम पर लिये गये अंगरक्षक को दिल्ली भेज दिया है. यहां तक कि पुलिस मेंस एसोसिएशन के कार्यालय के नाम पर भी जैप मुख्यालय द्वारा सिपाही की प्रतिनियुक्ति कर दी गयी है. जो एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ अंगरक्षक की तरह घूमते हैं. एक पूर्व मुख्यमंत्री के करीबी को जैप-छह से अंगरक्षक उपलब्ध कराया गया है. बालू व्यवसाय को लेकर चर्चित हुए तीन लोगों को भी कोयला क्षेत्र के विभिन्न जिलों से अंगरक्षक उपलब्ध कराये गये हैं. एक पूर्व मुख्यमंत्री के भाई के पास अंगरक्षक के रूप में पांच जवान हैं.

जांच का आदेश ठंडे बस्ते में
जैप के चार सिपाहियों ने किशनगंज में हाइकोर्ट के पूर्व जज के साथ र्दुव्‍यवहार किया था. जांच में यह पता चला था कि र्दुव्‍यवहार करने वाले जैप के जवान होमगार्ड के डीआइजी मृत्युंजय कुमार के नाम पर प्रतिनियुक्त था. रिपोर्ट मिलने के बाद डीजीपी ने यह आदेश जारी किया था कि जैप और आइआरबी के कितने जवान किस अधिकारी के पास हैं. इसकी सूची तैयार की जाये. डीजीपी का यह आदेश दबा दिया गया. जैप के अधिकारी मुख्यालय का आदेश मिलने से इनकार करते हैं.

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