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आरबीआइ के आरजीएम एमके वर्मा की प्रेस वार्ता, कहा नन बैंकिंग कंपनी का महत्व आज भी
रांची: नन बैंकिंग फाइनांस कंपनियां (एनबीएफसी) आज के समय में भी काफी जरूरी हैं. बैंकों की बढ़ती पहुंच के बाद भी एनबीएफसी की महत्ता बनी हुई है. रिजर्व बैंक का काम अच्छा काम कर रही कंपनियों को प्रोत्साहन देना और गलत काम कर रही कंपनियों पर लगाम लगाना है. ये बातें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया […]
रांची: नन बैंकिंग फाइनांस कंपनियां (एनबीएफसी) आज के समय में भी काफी जरूरी हैं. बैंकों की बढ़ती पहुंच के बाद भी एनबीएफसी की महत्ता बनी हुई है. रिजर्व बैंक का काम अच्छा काम कर रही कंपनियों को प्रोत्साहन देना और गलत काम कर रही कंपनियों पर लगाम लगाना है. ये बातें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय महाप्रबंधक मनोज कुमार वर्मा ने कही. वे सोमवार को रिजर्व बैंक के कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन के लिए एनबीएफसी का महत्व बरकरार है. राज्य सरकार के साथ आम लोगों को सही व गलत एनबीएफसी की पहचान के बारे में जागरूकता फैलाने का निर्णय लिया गया. खुले में नोट बदलने के मामले में उन्होंने कहा कि लोगों को चाहिए की वे बैंक में जा कर नोट बदलें. इससे पहले राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक हुई. इसमें गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक हर तीन माह पर करने का भी निर्णय हुआ. निवेशकों के अधिकार की रक्षा के लिए राज्य में कानून जल्द बनेगा. इसके अलावा चिटफंड एक्ट के तहत रजिस्ट्रार ऑफ चिटफंड का कार्यालय भी जल्द खुलेगा. 24 जुलाई को हुई बैठक में राज्य में चिट फंड कंपनियों के लिए रजिस्ट्रार पद बनाने का निर्णय हुआ था. बात आगे नहीं बढ़ सकी.
एक से पांच साल तक ले सकते हैं जमा
एनबीएफसी लोगों से न्यूनतम एक साल व अधिकतम पांच साल के लिए जमा ले सकती हैं. साथ ही दोगुनी राशि करने की योजना नहीं चलायी जा सकती है. कोई भी वित्तीय संस्थान 12.5 प्रतिशत से ज्यादा ब्याज नहीं दे सकते हैं. अधिक ब्याज देने और अधिक समय के लिए जमा करने की बात करनेवाले फर्जी होते हैं. लोग रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर जाकर यह जान सकते हैं कि किन कंपनियों को जमा लेने की अनुमति मिली है. रिजर्व बैंक से पंजीकृत नहीं होनेवाले एनबीएफसी में पैसा जमा नहीं करें. लोग 0612-2321290 पर भी फोन कर जानकारी ले सकते हैं. इस अवसर पर सीजीएम सौरभ सिन्हा, डीजीएम आरके हांसदा भी थे.
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