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किसानों के लिए प्रेरणास्नेत बने बैजनाथ महतो

विदेश से वैज्ञानिक आते हैं खेती की पद्धति देखने फुलेंद्र साहू सिकिदिरी : ओरमांझी प्रखंड के मतातु गांव निवासी बैजनाथ महतो क्षेत्र के किसानों के लिए प्रेरणा का स्नेत बन गये हैं. 43 वर्षीय बैजनाथ ने बीकॉम करने के बाद किसान बनने का निर्णय लिया. वे ड्रिप एरिगेशन पद्धति से खेती करते हैं. खेतों में […]

विदेश से वैज्ञानिक आते हैं खेती की पद्धति देखने
फुलेंद्र साहू
सिकिदिरी : ओरमांझी प्रखंड के मतातु गांव निवासी बैजनाथ महतो क्षेत्र के किसानों के लिए प्रेरणा का स्नेत बन गये हैं. 43 वर्षीय बैजनाथ ने बीकॉम करने के बाद किसान बनने का निर्णय लिया. वे ड्रिप एरिगेशन पद्धति से खेती करते हैं.
खेतों में रासायनिक खाद की जगह जैविक खाद का प्रयोग करते हैं. उनकी खेती की पद्धति को देखने के लिए अमेरिका व इजराइल के वैज्ञानिक आ चुके हैं. बिहार, पश्चिम बंगाल व छत्तीसगढ़ से भी किसान उसने खेती की पद्धति सीखने आते हैं.
श्री महतो से प्रेरित होकर आसपास के क्षेत्रों में रहनेवाले किसान आत्मनिर्भर बन रहे हैं. श्री महतो के पास छह एकड़ भूमि है, जिसमें तीन एकड़ में मटर, ढाई एकड़ में आलू तथा शेष में टमाटर व सरसों की फसल लहलहा रही है. मटर बेच कर वो हजारों रुपये की कमाई कर चुके हैं.
कृषि क्षेत्र में असीम संभावनाएं : बैजनाथ
बैजनाथ महतो ने बताया कि कृषि के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं. अगर आधुनिक तरीके से खेती की जाय, तो एक एकड़ में एक फसल लगा कर एक लाख रुपये का मुनाफा कमाया जा सकता है . मैंने एक मटर के पौधा से एक किलोग्राम मटर उत्पादन का लक्ष्य रखा था, जिसे मैंने पार कर लिया है.
क्या है ड्रिप एरिगेशन
इस पद्घति में पौधों की जड़ों तक बूंद-बूंद पानी पहुंचाया जाता है. ऐसा करने से 40 फीसदी पानी और खाद की बचत होती है. मजदूरी भी कम पड़ती है. ड्रिप एरिगेशन के लिए किसानों को प्रखंड स्तर पर 85 फीसदी सब्सिडी पर मशीन दी जाती है.

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