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सीइओ व टाउन प्लानर के लिए पैसे लेते थे एइ

उत्तम महतो रांची : रांची नगर निगम में नक्शा पास करने के नाम पर पैसों का खुला खेल चल रहा था. नक्शा पास करने के लिए हर चरण पर पैसों की वसूली की जाती थी. सहायक अभियंता सुशील कुमार निगम के सीइओ और टाउन प्लानर घनश्याम अग्रवाल के लिए वसूली करते थे. इसके लिए लोगों […]

उत्तम महतो
रांची : रांची नगर निगम में नक्शा पास करने के नाम पर पैसों का खुला खेल चल रहा था. नक्शा पास करने के लिए हर चरण पर पैसों की वसूली की जाती थी.
सहायक अभियंता सुशील कुमार निगम के सीइओ और टाउन प्लानर घनश्याम अग्रवाल के लिए वसूली करते थे. इसके लिए लोगों का भयादोहन करते थे. प्रभात खबर के पास इससे संबंधित वीडियो मौजूद है.
इस वीडियो में टाउन प्लानर घनश्याम अग्रवाल, उनका करीबी व आरआरडीए का कंप्यूटर ऑपरेटर अजीत कुमार, सहायक अभियंता सुशील कुमार और सहायक अभियंता सुरेंद्र कुमार के अलावा नक्शा पास कराने का ठेका लेनेवाले कई दलाल भी दिखायी देते हैं. टाउन प्लानर और सहायक अभियंता बार-बार बताते हैं कि सीइओ को भी घूस की रकम में हिस्सा दिया जाना है.
नाराज होकर कमल ने बनाया वीडियो : नगर निगम में पैसों के खेल का यह वीडियो कांके रोड निवासी कमल अग्रवाल ने बनाया है. कमल को कांके रोड में आवासीय इस्तेमाल के लिए चार मंजिली इमारत बनानी है. वह पिछले एक साल से नक्शा पास कराने के लिए नगर निगम का चक्कर लगा रहे थे. निगम के दफ्तर में अपनी फाइल खोज-खोज कर परेशान हो चुके कमल निगम के सीइओ मनोज कुमार के पास गये. अपनी बात बतायी.
पर कमल का कहना है कि सीइओ ने उन्हें काफी बेइज्जत किया. विधायक, मेयर और डिप्टी मेयर की पैरवी से नाराज सीइओ ने कमल को घर तोड़वाने और जेल भेज देने तक की धमकी दी. इसके बाद कमल ने मामले का खुलासा करने के इरादे से वीडियो बनाने का फैसला लिया.
इस वीडियो में दिखाया गया है कि नक्शा पास करने के बदले उनसे 80 हजार रुपये घूस मांगे गये. कमल ने इसमें से दस हजार रुपये निगम के एइ सुशील कुमार को दिये. सुशील कुमार ने फील्ड विजिट कर रिपोर्ट तैयार की. उसके बाद सीइओ, टाउन प्लानर और अन्य खर्चो को बताते हुए 70 हजार रुपये और मांगने लगे. रुपये नहीं देने पर उनका नक्शा लटकाये रखा.
तनवीर अली था निगम सीइओ का राजदार
रांची नगर निगम में सीइओ मनोज कुमार ने 13 दिसंबर 2014 को इस पद पर योगदान दिया था. मनोज कुमार के योगदान देने के साथ ही उनके साथ रहनेवाले एक युवक तनवीर अली ने भी निगम में अपना अड्डा बनाया. तनवीर दिन भर निगम कार्यालय आता. सीइओ के कार्यालय में बैठा रहता. अपने कार्यालय अवधि में सीइओ किससे मिलेंगे, यह तय भी तनवीर ही किया करता था.
नक्शे के भले सैकड़ों फाइल सीइओ के पास लंबित हों, परंतु सीइओ किस फाइल पर हस्ताक्षर करेंगे, यह तय भी तनवीर ही करता था. शाम को सीइओ जब घर जाते, तो तनवीर ही यह तय करता था कि किन फाइलों को सीइओ के घर लेकर जाना है. सीइओ के एक साल के कार्यकाल के दौरान तनवीर निगम के अभियंताओं, कर्मचारियों को इस तरह से निर्देश देता, जैसे की वह खुद बड़ा अधिकारी हो.
वीडियो में हुआ खुलासा
सहायक अभियंता सुशील कुमार को दिखाया गया है पैसों की वसूली करते
टाउन प्लानर घनश्याम अग्रवाल और सहायक अभियंता को यह कहते हुए दिखाया गया है कि सीइओ को भी हिस्सा दिया जाना है
सीइओ के चहेते रहे हैं घनश्याम अग्रवाल
55 वार्डो को नगर निगम के दो टाउन प्लानर गजानंद राम व घनश्याम अग्रवाल के बीच बांटा दिया गया है. घनश्याम अग्रवाल को एक से 29 नंबर वार्ड तक के नक्शे पास करने का जिम्मा दिया गया है.
ये वे वार्ड हैं, जहां ज्यादातर अमीर लोग रहते हैं. वहीं गजानंद राम को 30 से 55 नंबर वार्ड तक का जिम्मा दिया गया है. टाउन प्लानर घनश्याम अग्रवाल निगम सीइओ के तो खास थे ही, पूर्ववती सरकार में पथ निर्माण विभाग में कार्यरत एक उप सचिव के भी खास थे.

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