वाशिंगटन. अगर अस्पतालों में भर्तियों और जागरूकता की मौजूदा उच्च दर को बरकरार रखा जाता है, तो लाइबेरिया में इबोला महामारी खत्म हो सकती है. यूनिवर्सिटी ऑफ जॉर्जिया और पेनसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित इस मॉडल में कई कारकों को शामिल किया गया है. ये कारक हैं- संक्रमण की पहचान और उपचार, अस्पताल क्षमता का विकास और सुरक्षित दाह संस्कार की विधियां. यह मॉडल संभवत: पहला ऐसा मॉडल है, जिसमें इन सभी तत्वों को शामिल किया गया है. इस मॉडल के अनुसार, यदि अस्पताल में भरती कराये जाने की दर 85 प्रतिशत तक पहुंच जाती है, तो लाइबेरिया में इबोला महामारी जून 2015 तक नियंत्रित कर ली जायेगी. पीएलओएस बायोलॉजी नामक पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन के नेतृत्वकर्ता और यूनिवर्सिटी ऑफ जॉर्जिया ओडम स्कूल ऑफ इकोलॉजी के सहायक प्रोफेसर जॉन डार्के ने कहा, ‘यह एक व्यवहारिक संभावना है, न कि एक पूर्व निश्चित निष्कर्ष. इसके लिए जरूरी है कि जागरूकता और आगे बढ़ने के मौजूदा स्तर को बनाये रखा जाये.
लाइबेरिया में जून तक हो सकता है इबोला महामारी का खात्मा : अध्ययन
वाशिंगटन. अगर अस्पतालों में भर्तियों और जागरूकता की मौजूदा उच्च दर को बरकरार रखा जाता है, तो लाइबेरिया में इबोला महामारी खत्म हो सकती है. यूनिवर्सिटी ऑफ जॉर्जिया और पेनसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित इस मॉडल में कई कारकों को शामिल किया गया है. ये कारक हैं- संक्रमण की पहचान और उपचार, अस्पताल […]
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