रांची: मोरहाबादी में झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन की अध्यक्षता में पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक हुई. बैठक में झामुमो ने विधानसभा चुनाव में अपनी हार की समीक्षा की. बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पर पार्टी को आशंका है कि पूरे देश की जमीन 22 […]
रांची: मोरहाबादी में झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन की अध्यक्षता में पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक हुई. बैठक में झामुमो ने विधानसभा चुनाव में अपनी हार की समीक्षा की. बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पर पार्टी को आशंका है कि पूरे देश की जमीन 22 घरानों के हाथों बेच दी जायेगी, जिसका पार्टी पुरजोर विरोध करेगी.
सड़क से लेकर सदन तक यह विरोध होगा. स्थानीय नीति घोषित किये बिना राज्य सरकार यदि नियुक्ति करती है तो पार्टी इसका विरोध करेगी. इसके लिए जोरदार आंदोलन किया जायेगा.
माइनिंग या अन्य परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित की गयी भूमि पर किसी का अवैध कब्जा हो और उस कब्जा को वैध करने का प्रयास किया जायेगा, तो पार्टी इसका भी विरोध करेगी.
इससे पूर्व कार्यकर्ताओं ने विधानसभा चुनाव में हार के तीन कारण गिनाये गये. पहला कि कार्यकर्ता अति आत्मविश्वास में थे, दूसरा बड़ी पार्टियों के कॉरपोरेट वार के लिए झामुमो तैयार नहीं था, तीसरा कई इलाकों में कार्यकर्ताओं की पकड़ ढीली थी. बैठक में कार्यकर्ताओं को पुरानी बातों को भूल कर नये सिरे से पार्टी के काम में जुट जाने का निर्देश दिया गया है. वहीं प्रखंड से लेकर जिला स्तर पर संगठन में फेरबदल के संकेत भी दिये गये हैं. मार्च तक यह काम कर लिया जायेगा.
झामुमो द्वारा जोरदार विपक्ष की भूमिका निभाने का निर्णय लिया गया है. बैठक की जानकारी देते हुए पार्टी के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने बताया कि कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा है. हारे हुए प्रत्याशियों को भी पार्टी के काम में जुट जाने का निर्देश दिया गया है. मार्च के प्रथम सप्ताह में पार्टी का महाधिवेशन होगा. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि समीक्षा में पाया गया कि पार्टी का वोट प्रतिशत 11 फीसदी तक बढ़ा है. एक सीट भी बढ़ी है. कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा है. कॉरपोरेट वार का सामना पार्टी नहीं कर पायी.
भूमि अधिग्रहण कानून किसान विरोधी : प्रदीप
देवघर: जेवीएम को राज्य की जनता ने फिर से एक बार राज्य के प्रहरी की जिम्मेवारी दी है. जनता की समस्या से लड़ने के लिए पार्टी जिम्मेवारी को बेहतर ढंग से निभायेगी. उक्त बातें झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने सर्किट हाउस में कही. उन्होंने कहा कि 17 व 18 जनवरी को जेवीएम की बैठक में आगे की रणनीति बनायी जायेगी. केंद्र सरकार का नया भूमि अधिग्रहण कानून किसान, रैयत व आदिवासी विरोधी है. नये कानून में सीधे जमीन मालिक को सरकार नोटिस देगी व जमीन अधिग्रहण कर प्राइवेट कंपनी के हवाले कर दी जायेगी. यह कानून उद्योगपतियों को लाभ दिलाने के लिए है. श्री यादव ने कहा कि वे चाहते हैं कि राज्य में उद्योग लगे. लेकिन रैयतों का हक छीनकर उद्योग नहीं लगाया जाय. इस पर पार्टी की बैठक में आंदोलन की रुपरेखा तैयार होगी व सारे विपक्ष को एक मंच पर लाया जायेगा. इस मामले में झामुमो से भी बात हुई है.
रघुवर दास की सरकार तलवार की धार पर है. कब सरकार गिर जायेगी कोई नहीं जानता. कार्यकर्ताओं को ऐसा नहीं लगना चाहिए कि हार गये तो पार्टी नहीं पूछ रही है. इसलिए हारे हुए प्रत्याशियों के साथ बैठक की गयी.
हेमंत सोरेन
नेता प्रतिपक्ष