रांची: राज्यपाल सह कुलाधिपति डॉ सैयद अहमद ने कहा कि देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद सिर्फ एक कौम की नहीं बल्कि पूरे हिंदुस्तान के विकास की बात करते थे. वे एक सच्चे हिंदुस्तानी थे और हिंदुस्तानियत के तहत कार्य करते थे. उनको रांची से भी काफी लगाव था. इसलिए मौलाना आजाद […]
रांची: राज्यपाल सह कुलाधिपति डॉ सैयद अहमद ने कहा कि देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद सिर्फ एक कौम की नहीं बल्कि पूरे हिंदुस्तान के विकास की बात करते थे. वे एक सच्चे हिंदुस्तानी थे और हिंदुस्तानियत के तहत कार्य करते थे. उनको रांची से भी काफी लगाव था. इसलिए मौलाना आजाद के कार्यो पर यहां शोध करना अहम होगा.
राज्यपाल ने सोमवार को रांची विवि अंतर्गत मोरहाबादी स्थित (सेंट्रल लाइब्रेरी के बगल में) मौलाना आजाद इंस्टीटय़ूट ऑफ कंपरेटिव लिटरेचर एंड नेशनल इंटीग्रेशन भवन का उदघाटन करते हुए ये बातें कहीं. राज्यपाल ने कहा कि शोध करनेवाले विद्यार्थियों को अब एक ही छत के नीचे सारी सुविधाएं मिल जायेंगी. रांची विवि के विद्यार्थियों को इस संस्थान का अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए. सीसीडीसी डॉ पीके सिंह ने कहा कि इस भवन के निर्माण में एक करोड़ 85 लाख रुपये लगे हैं.
शीघ्र ही चहारदीवारी, मुख्यद्वार आदि का कार्य पूरा कर लिया जायेगा. इस अवसर पर राज्यपाल के प्रधान सचिव आरएस पोद्दार, प्रतिकुलपति डॉ एम रजिउद्दीन, डीन डॉ करमा उरांव,डॉ एनके बेरा सहित कई विभागाध्यक्ष, शिक्षक व कर्मचारी उपस्थित थे.
लैंग्वेज लैब जुलाई से शुरू होगा
अंतिम तल्ले में लैंग्वेज लैब की स्थापना की जा रही है. इसके लिए राज्य सरकार व विभिन्न स्रोतों से लगभग 10 लाख रुपये प्राप्त करने का प्रयास किया जायेगा. इस लैब में विद्यार्थियों को अंग्रेजी में बोलचाल आदि सिखाया जायेगा. एक बैच में 15 विद्यार्थी रहेंगे. इसे जुलाई 2015 से आरंभ किया जायेगा.
लाइब्रेरी भी बनायी गयी
रांची विवि के कुलपति डॉ एलएन भगत ने कहा कि भवन के निचले तल्ले में मौलाना आजाद रिसर्च सेंटर व लाइब्रेरी बनायी गयी है. यहां मौलाना आजाद से जुड़े पब्लिकेशन और पुस्तकें रहेंगी. साथ ही शोधकर्ताओं के लिए स्टडी रूम, कंप्यूटर, फैक्स, जेरॉक्स, वाइफाइ आदि की सुविधा भी दी जा रही है. इसके ऊपरी तल्ले में दूरस्थ शिक्षा केंद्र (डिस्टेंस एजुकेशन सेंटर) खोला जायेगा. इसके माध्यम से बिना प्रैक्टिकल वाले विषय के विद्यार्थी रेगुलर क्लास किये बिना स्नातक व स्नातकोत्तर की डिग्री नियमानुसार प्राप्त कर सकेंगे. इसे आरंभ करने के लिए एडवाइजरी कमेटी का गठन किया गया है.